Jaipur: सुनवाई के दौरान पीड़िता पक्षद्रोही हो गई, लेकिन कोर्ट ने डीएनए जांच के आधार पर अभियुक्त को सजा दी है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि पन्द्रह वर्षीय पीड़िता के पिता ने एक अगस्त, 2019 को मालवीय नगर थाने में पीड़िता के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 वहीं, पुलिस को चार अगस्त को पीड़िता बरामद हुई. इसी दिन पीड़िता के कराए गए मेडिकल में वह दस सप्ताह की गर्भवती मिली. दूसरी ओर पुलिस ने 22 सितंबर को दिल्ली से अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अभियुक्त पर कोई आरोप नहीं लगाया, लेकिन डीएनए जांच में आया कि अभियुक्त ने ही पीड़िता को गर्भवती किया है. इसके आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.


यह भी पढ़ें - 'शिक्षा के बढ़ते कदम' से विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर सुधारेगा शिक्षा विभाग


अपने जिले की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें