Jaipur: मानसून का इंतजार देश से लेकर राजस्थान, यूपी से लेकर अनेक हिस्सों को रहता है. ऐसे में बारिश के लिए पूजा पाठ से लेकर टोटके का सहारा लेने को मजबूर हैं. राजस्थान के गांव में अब बारिश लाने के लिए टोने-टोटके किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक राजस्थान के कई गांव में महिलाएं बारिश लाने के लिए खेतों में हल जोत रही है. माना जाता है कि ऐसा करने से बारिश होती है, तो वहीं कई इलाके में तो अजीबो-गरीब टोटके अपनाए जाते हैं,जिन्हें जानकर आप भी चकित रह जाएंगे .


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इसके अलावा एक से बढ़कर एक टोटका है जो आपको हंसते हंसते लोट-पोट करा देंगे. जानें गांव वाले बारिश लाने के लिए क्या क्या करते हैं. इन्हीं सब के बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कई इलाके के लोग तो सदियों से इस परम्परा को निभाते आ रहे है वे आज भी बारिश होने की बात को वे 100 फीसदी सच मानते हैं.


ऐसे ही एक मजेदार टोटके के तहत छोटी बच्चियां गोबर से छोटा मेंढ़क बनाती हैं और उसे केलू पर रख कर घर-घर जाती हैं और गाती हैं....मेंढकी ने पाणी पा, धोबो धोबो धान गला, इंदर जी ने मोकल ए, म्हारी बीजू राणी देस में... गीत से इंद्र देव को रिझाती हैं और बारिश की गुहार लगाती है. ये केवल एक ही टोटका नहीं है, बल्कि उदयपुर समेत मेवाड़ में बारिश कराने के लिए इंद्र देव को कई तरह के टोटकों व परंपराओं से प्रसन्न किया जाता है. इनमें से कुछ टोटके तो आज भी कई समाजों और गांवों में किए जाते हैं.



ये टोटका जो आपको हंसते -हंसते लोट - पोट करा देगा


1.मध्य प्रदेश में अच्छे मॉनसून के लिए स्थानीय लोगों ने जीवित शख्स की शवयात्रा निकालने ती परम्परा है. पूरे इलाके के लोग इस दौरान शव यात्रा में शामिल होते है. ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से अच्छी बारिश होती है.


2.बारिश में विलंब हुआ तो श्मशान को हल से हांकने की परंपरा निभाई जाती है, जबकि श्मशान में कभी नहीं चलाया जाता है. ये परंपरा सिंहाड़ और कुराबड़ के बीच कायम है.


3.उदयपुर में बीएन कॉलेज, चंपा बाग के पास हस्तीमाता को पूजा जाता है. माता को चढ़ावा चढ़ाया जाता है और गीत गाते हैं बरसो नी इंदरराजा, थाने कुण जी विलमाया...- मुस्लिम समाज में भी आब-ए-बारां किया जाता है. यानी बारिश की पुकार की जाती है.



4.रामचरित मानस के पाठ भी किए जाते हैं. सोई जल, अनल, अनिल संघाता, होइ जलद जग जीवनदाता. अत्यधिक विलंब होने और उमस होने की स्थिति में शिवलिंग को पानी में डुबोया जाता है.


5.घर से राब लेकर पहाड़ी पर जाते हैं और वहीं राब इंद्र देव को चढ़ाकर पीते हैं. ये परंपरा गोगुंदा में डूंगरी राब के नाम से निभाई जाती है. कोलर का गुड़ा में आज भी राब बना कर जाते हैं. इसी तरह उजरणी परंपरा के तहत गांव के प्रत्येक देवता को न्योता जाता है, प्रसन्न किया जाता है.


6. मध्यप्रदेश के कई गांवों में ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग को पूरी तरह से पानी में डूबोकर रखे जाने से अच्छी बारिश होती है.


7. बारिश को बुलाने के लिए “बेड़” नाम का एक टोटका भी आजमाया जाता है. विदिशा के एक पठारी कस्बे की मान्यता के मुताबिक गाजे-बाजे के साथ ग्रामीण महिलाएं किसी खेत पर अचानक हमला बोल देती हैं. वो खेत पर काम कर रहे किसान को बंधक बना लेती हैं. किसान को गांव में लाकर दुल्हन की तरह सजाया जाता है और किसान की पैसे देकर विदाई की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होते है.


8. मध्यप्रदेश के ही खंडवा जिले के बीड़ में गांव के लोग मंदिर के कैंपस में खाली मटके जमीन में गाड़ देते हैं और अच्छे मानसून की कामना करते हैं.


9. उज्जैन की बड़नगर तहसील में पंचदशनाम जूना अखाड़ा के श्री शांतिपुरी महाराज ने साल 2002 में बारिश के लिए जमीन के अंदर 75 घंटे की समाधि ली. जब समाधि पूरा होने के बाद उन्हें बाहर निकाला गया, तो वे मृत पाए गए.


10. मध्यप्रदेश के इंदौर में अच्छी बारिश के लिए अजीबोगरीब बारात निकाली जाती है. किसान और व्यापारी मिलकर ये बारात निकालते है. इस बारात में दूल्हे को घोड़े की बजाय गधे पर बिठाया जाता है. बारात में शामिल लोग मस्त होकर डांस भी करते चलते हैं. माना जाता है कि इस टोटके से बारिश की अच्छी संभावना होती है.



11. बुंदेलखंड में अच्छी बारिश के लिए महिलाएं जंगल में जाकर गाकड (बाटी) बनाती हैं. उसे खुद और पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाती है। माना जाता है कि इससे अच्छी बारिश होती है.


12. मध्य प्रदेश के सागर जिले के शिकारपुर गांव में 2002 सूखे के दौरान जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ग्रामीणों ने कड़ी धूप में सूखे पेड़ से बांध दिया था। ग्रामीणों की मान्यता थी कि इससे सूखा खत्म होगा.


13. उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और उत्तरपूर्वी राज्यों में अच्छी बारिश के लिए पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से मेंढ़क-मेंढ़की की शादी करवाई जाती है। इतना ही नहीं उड़ीसा में तो मेंढ़कों का नाच तक करवाया जाता है.


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अन्य राज्यों में ये अपनाए जाते हैं टोटके
वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई गांवों में मान्यता है कि अगर महिलाएं रात के समय नग्न होकर खेतों में हल चलाएं तो बारिश होती है. इस टोटके में महिलाएं समूह बनाकर खेत को घेर लेती हैं जिससे कोई यह सब देख नहीं पाए. उत्तर प्रदेश के कई गांवो में औरतें रात में बगैर कपड़े पहने खेतों में हल चला रही हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से देवता खुश होकर धरती की प्यास बुझा देंगे. कहा जाता है कि किवदंतियो में एक राजा को ऐसा ही करते हुए बताया गया है.


पूर्वी उड़ीसा में किसानों ने मेढको के नाच का आयोजन किया जिसे स्थानीय भाषा में 'बेंगी नानी नाचा ' के नाम से जाना जाता है. गाजे-बाजे के बीच लोग एक मेंढक को पकड़ कर आधे भरे मटके में रख देते है जिसे दो व्यक्ति उठा कर एक जुलूस के आगे-आगे चलते हैं.


कुछ इलाकों में तो दो मेढकों की शादी कर उन्हें एक ही मटके से निकालकर स्थानीय तालाब में छोड़ दिया जाता है. वहीं कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से वर्षा के लिए यज्ञ कराए जाने की खबर आती रहती हैं.


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