Jaipur: राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रिव्यू डीपीसी के जरिए वर्ष 2015 में पदोन्नत हो चुके स्कूल व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू कर उनका नाम स्थाई वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. अधिकरण ने यह आदेश अशोक कुमार की अपील पर दिए.


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अपील में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2015-16 की रिव्यू डीपीसी के जरिए व्याख्याता पद पर पदोन्नत होकर कई सालों पहले कार्यभार भी ग्रहण कर चुके हैं. वहीं अब विभाग की ओर से स्थाई वरिष्ठता सूची में उन्हें यह कहते हुए शामिल नहीं किया गया कि उसने बैचलर और मास्टर डिग्री एक विषय से पास नहीं की है. याचिका में कहा गया कि बैचलर और मास्टर डिग्री में एक समान विषय होने पर ही पदोन्नति देने का नियम हाल ही में लागू किया गया है.


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जिन्होंने पूर्व में प्रमोशन लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया हो, उन पर यह प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता. ऐसे में याचिकाकर्ता को स्थाई पदोन्नति सूची में शामिल कराया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.


Reporter- Mahesh Pareek


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