Ashok Gehlot : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव से 8 महीने पहले तीन संभाग और 19 जिले बना कर एक तीर से कई निशाने साधें हैं. सीएम गहलोत के इस कदम ने जहां कई विरोधियों का हृदय परिवर्तन कर दिया है तो वहीं बेरोजगारों की भी चांदी कर दी है. नए जिले और नए संभाग मुख्यालय बनने से प्रदेश में हजारों रोजगार ( Sarkari Naukari ) के अवसर भी पैदा होंगे. जिला कलेक्टर से लेकर निचले स्टार पर बाबुओं की भी जरुरत होगी. इससे आईएएस-आईपीएस अधिकारी से लेकर निचले तबके तक कई पद सृजित होंगे, जिसका सीधा फायदा सरकारी नौकरी के इंतजार में बैठे हजारों बेरोजगारों को होगा.


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एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में 19 नए जिले और 3 संभाग बनने से 10 हजार से ज्यादा पद नए सृजित हो सकते हैं. इससे प्रदेश में हजारों युवाओं के लिए नए मौके पैदा होंगे. साथ ही भविष्य में निकलने वाली भर्तियों में भी पदों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. हालांकि सरकारी कई चरणों में पदों के लिए भर्ती निकाल सकती है. पहले चरण में नए जिलों और संभाग के लिए तीन हजार पद सृजित कर सकती है. इसके साथ ही जो पद लम्बे वक्त से रिक्त है उन्हें भी भरने के लिए कदम उठा सकती है. 


सिविल सेवा के पदों में होगी बढ़ोतरी


सीएम गहलोत की घोषणा के बाद अब जल्द ही नए जिलों और संभागों की अधिसूचना जारी हो सकती है. जिसके बाद इन जिलों को बनाने का काम कागजी तौर पर भी गति पकड़ेगा. नए जिले और संभाग बनने से प्रदेश में आईएएस और आईपीएस का कोटा भी बढ़ना तय है, क्योंकि इन जिलों के लिए कलेक्टर और SP नए पद को भी भरना होगा. साथ ही फील्ड पोस्टिंग के पदों में बढ़ोतरी होगी. 


राज्य सेवा के पदों में भी होगी बढ़ोतरी


नए जिलों में अब सभी विभागों के नए कार्यालय भी बनेंगे. इनमें हर अधिकारी से लेकर कर्मचारी वर्ग के कर्मचारियों की जरुरत होगी. ऐसे में हर जिले में 20 से 25 पद सृजित होंगे. साथ ही न्याय सेवा में में भी पदों में बढ़ोतरी की जरुरत होगी. हर जिले में नए कोर्ट खुलेंगे. जिससे न्यायिक सेवा में भी ज्यादा वासर पैदा होंगे. सिविल सर्विसेज से लेकर राज्य सेवा से लेकर मंत्रालयिक श्रेणी तक की भर्ती होगी. इससे निश्चित तौर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.