Tirth Yatra​: ढोल-नंगाड़ों की गूंज, बैण्ड वादन से निकलती भक्ति की रस-धारा और रामेश्वम की पावन धरा की यात्रा करने का सपना संजोए जयपुर जिले के 700 वरिष्ठ नागरिकों को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन में रवाना किया गया. ट्रेन में बैठने से पहले बुजुर्गों के चेहरे पर अलग ही खुशी देखने को मिली. देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने पहली ट्रेन को हरी झंडी भी वरिष्ठ नागरिक और छोटी बच्ची श्रेया से दिखाई.


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शहनाई बजाकर और माला पहनाकर यात्रियों का स्वागत करते परिवारजन और भजन कीर्तन करते यात्री. दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना के तहत एक दर्जन से ज्यादा तीर्थ स्थलों पर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा कर सकेंगे. आज दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से पहला तीर्थ यात्रियों का रवाना हुआ. जिसमें जयपुर से 700 बुजुर्ग ट्रेन में बैठकर रामेश्वम के लिए रवाना हुए. देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने पहली ट्रेन को बुजुर्ग और छोटी बच्ची से ही हरी झंडी दिखवाकर रवाना किया.


गाजे-बाजे साथ किया रवाना


इन तीर्थ यात्रियों के साथ आए इनके परिजनों और रिश्तेदारों ने रेलवे स्टेशन पर गाजे-बाजे और पुष्पवर्षा के साथ इन्हें रवाना किया. आज रवाना हुए इस पहले जत्थे में ये सभी यात्री 2 अक्टूबर को रामेश्वरम (मदुरै) के पहुंचेंगे. जहां दर्शन करने के बाद उन्हें वापस इसी ट्रेन से जयपुर लाया जाएगा. रावत ने कहा की वरिष्ठ नागरिकों की खुशी में हमारी खुशी हैं. कोविड के बाद ये पहला मौका है. जब सरकार की ओर से सीनियर सिटीजन को फ्री तीर्थ यात्रा करवाई जा रही है. आज पहले जत्थे में लॉटरी के जरिए 1181 यात्रियों का सलेक्शन हुआ था. जिन्हें आज रवाना होना था, लेकिन 991 ही यात्रियों ने तीर्थ यात्रा पर जाने की सहमति दी. उन्होंने बताया कि ये ट्रेन अब सवाई माधोपुर और बारां जिले से भी तीर्थ यात्रियों को लेगी और आगे रवाना होगी. यात्रा में जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों ने कहा आज राज्य सरकार ने तीर्थयात्रा पर जाने का सपना पूरा किया.


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देवस्थान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन यात्रियों की सुविधा का हमने पूरा इंतजाम किया है. हर ट्रेन की बोगी में यात्रियों की सुविधा के लिए अनआर्म्ड सुरक्षाकर्मी और हाउस कीपिंग स्टाफ हैं. ट्रेन में यात्रियों मेडिकल इमरजेंसी होने पर डॉक्टर, मेल और फीमेल नर्सिंगकर्मी, की टीम तैनात की है. हर यात्री को एक किट दिया, जिसमें चादर, कंबल, टावल, साबुन, टूथपेस्ट, शीशा, कंघा, तेल उपलब्ध है. इसके अलावा यहां सुबह चाय-नाश्ता, दिन का खाना, शाम को चाय और रात का भोजन भी दिया जाएगा. तीर्थ स्थल पर पहुंचने पर यात्रियों के रहने के लिए शेयरिंग बेस पर होटल में कमरे और समय पर नाश्ता और भोजन की भी फेसेलिटी दी जाएगी. इस योजना के लिए 13 करोड़ से बजट बढ़ाकर 30 करोड़ और यात्रियों की संख्या को भी 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया गया है.


इन तीर्थस्थानों के लिए हुए रवाना


75 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों के साथ एक सहायक को भी ले जाने की अनुमति दी जा रही है. .इस यात्रा में एक दर्जन से ज्यादा तीर्थस्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा. रावत ने बताया की देश के 14 धार्मिक स्थलों की व हवाईजहाज के द्वारा पशुपतिनाथ-काठमांडू (नेपाल) की यात्रा करवाई जाएगी. .उन्होंने बताया कि प्रस्तावित दूसरी ट्रेन 11 अक्टूबर को जगन्नाथपुरी के लिए जोधपुर से वाया जयपुर व कोटा होते हुए जाएगी. तीर्थयात्रा में रामेश्वरम-मदुरई, जगन्नाथपुरी, तिरूपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, सम्मेदशिखर-पावापुरी, उज्जैन-ओंकारेश्वर, गंगासागर कोलकाता, कामाख्या गुवाहटी, हरिद्वार-ऋषिकेश, बिहार शरीफ और वेलनकानी चर्च तमिलनाडु आदि स्थानों को शामिल किया है.


बहरहाल, कोविड के कारण पिछले 2 साल से तीर्थ यात्रा योजना का संचालन नहीं हो सका था. . इस साल सरकार ने जब बजट घोषणा की तो बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किए. ...सरकार ने इस साल 20 हजार यात्रियों को देश और नेपाल में ले जाने की घोषणा की थी और इन 20 हजार सीटों के लिए करीब 1.25 लाख लोगों ने यात्रा के लिए आवेदन किया. . .जिलों की जनसंख्या के अनुपात में यात्रियों की संख्या तय की गई और जिला स्तर पर इन आवेदनों की लॉटरी निकाली गई.


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