Jaipur News : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस में मुख्यमंत्री के नाम पर चल रही उठापटक को घर में मियां-बीबी की लड़ाई करार दिया, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा नेताओं पर सरकार गिराने के आरोपों को ''भेड़िया आया...भेडिया आया'' का डर दिखाकर कुर्सी पर चिपके रहना बताया.


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राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा पर कांग्रेस सरकार गिराने के बयानों पर सवाल पूछा तो भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2020 से आज तक मुख्यमंत्री ने भेड़िया आया भेड़िया आया का डर दिखाकर कुर्सी पर बैठने का मन बना लिया है. मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि 2020 में जो घटना हुई थी कांग्रेस के अंदरूनी अंतर्कलह की वजह से हुई थी.


साल 2018 से पूरा राजस्थान देख रहा है, राजस्थान का व्यक्ति इस विषय को समझ चुका है कि सत्ता संघर्ष के इस संग्राम में भाजपा को बेवजह घसीटा गया. भाजपा को बदनाम करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया. एक तीर से कई शिकार किए गए. एक तरफ कहा गया कि कांग्रेस एमएलए को बाउंसर के बल पर रोक रखा है, ये कहा गया मेहमान बना कर रखा गया है. 


अपने ही पार्टी के पीसीसी चीफ को नकारा निकम्मा से विभूषित किया गया था. ये एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया. आज 2 साल बाद भी सवाल करता हूं कि 19 गए थे उनमें से किसी ने भी पुलिस या मीडिया के सामने जाकर कहा कि हमको बीजेपी नेता लेकर गए थे या एजेंसियों के दबाव में थे. वापस आने पर उनको मंत्री पद नवाज दिया, उनको मंत्री बना दिया बोर्ड के चेयरमैन बना दिए , उसके बाद भी भाजपा को लगातार कोस रहे हैं.


दूसरे राज्य में गाली दी, तो खुद कारपेट बिछाए
शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी ने सारे उद्योगपतियों का नाम लेकर बीजेपी और पीएम मोदी को आरोपित करने का प्रयास किया. उद्योगपति दूसरे राज्य के क्षेत्र में जाकर प्रयास करें, काम करें, निवेश करें तो सत्ता के पोषित करने का आरोप लगाएते हैं और वही उद्योगपति यहां निवेश करने के लिए आए तो रेड कारपेट बिछाकर वेलकम करो, इनका नाम लेकर रोज रोज गाली दे रहे थे, उन्हीं के लिए अभिनंदन के सत्र आयोजित करो तो दोहरी मानसिकता दिखाई देती है.


कांग्रेस के घटनाक्रम पर बोलने से किया मना 
शेखावत ने वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में सीएम कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान पर बोलने से मना कर दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि ये उनके घर की लड़ाई है. घर में मियां बीवी की लड़ाई में टिप्पणी करना उचित नहीं है, घर में का काका-भतीजा, बाप-बेटे की लड़ाई है, उनके घर की लड़ाई है. हालांकि मैं कह सकता हूं कि जिस घर में लड़ाई है वह घर टूटता है, यह बात मैं अपने अनुभव के आधार पर यह बोल सकता हूं.


सरकार ने किया पाप, जनता सिखाएगी सबक 
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं के साथ दुष्कर्म होना, सरेआम लड़कियों की इज्जत लूटने का प्रयास करना, कॉलेज हॉस्टल के सामने कपड़े फाड़ कर अपमानित करना, बार बार इस तरह की घटनाओं के बाद भी बेशर्मी के साथ कहना कि हम फ्री एफआईआर दर्ज करें जिससे केस बढ़ गए. इससे ज्यादा बेशर्मी कुछ हो नहीं सकती. राजस्थान में शांति और सम्मान के साथ जीने वाले लोगों को ऐसे भयानक स्थिति में लाकर खड़ा करने का पाप राजस्थान सरकार ने किया है. राजस्थान की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी. जनता एक एक उंगली पर एक-एक दिन काट रही है ,समय आने दीजिए जनता ने कभी माफ नहीं करेगी.


कोई योजना धरातल पर नहीं 
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं ये उनका अधिकार है, लेकिन जन आशीर्वाद के योग्य बनना नितांत आवश्यक है. सवाल ये है कि हम योग्यता की कसौटी पर कितना खरा उतरेंगे, उन्हें आने वाले समय में पता चलेगा. शेखावत ने कहा कि सरकार की ऐसी कौन सी योजना है जो धरातल पर सफल हो सके. चिरंजीवी योजना को कटघरे में उनके विधायकों ने ही खड़ा किया, धरने पर बैठना पड़ा, विधानसभा के पटल पर प्रश्न उठाना पड़ा. सरकार की एक भी योजना ऐसी नहीं है जो धरातल पर उतर पाई. 


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