Action on Divya Mittal in bribery case : राज्य सरकार ने दो करोड़ की घूस मांगने वाली एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को सस्पेंड उनके पद से उन्हें तत्काल संसपेंड कर दिया है.  निलम्बनकाल के दौरान एएसपी दिव्या मित्तल का मुख्यालय डीजीपी ऑफिस रहेगा. इस संबंध में गृह विभाग से आदेश भी जारी किए जा चूके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि राजस्थान पुलिस में एएसपी एसओजी अजमेर के पद पर कार्यरत आरपीएस दिव्या मित्तल को 16 जनवरी को एसीबी ने दो करोड़ रुपए की घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार  किया था. एएसपी दिव्या मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने नशीली दवाओं के मामले में दर्ज केस में गिरफ्तारी से बचाने की एवज में दो करोड़ रुपए  की घूस मांगी थी. घूस की रकम नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी भी दी थी. मित्तल ने कहा था कि मुझे पैसे ऊपर तक देने पड़ते हैं. मित्तल को एसीबी ने मंगलवार को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है.


बता दें कि दिव्या मित्तल के खिलाफ एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7, 7 ए तथा 120 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है. एसीबी के रिमांड पर होने के कारण गृह विभाग ने आरपीएस दिव्या मित्तल को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए है. गृह विभाग ने राजस्थान सिविल सेवाएं नियम 1958 के नियम 13, 2 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिव्या मित्तल को निलम्बित करने के आदेश जारी किए. दिव्या का निलम्बन 16 जनवरी से ही रखा गया है.


कौन है दिव्या मित्तल
दिव्या मित्तल मूलत: राजगढ़ चुरू  की रहने वाली है. उनका पूरा परिवार झुंझूनूं  में रहता है. घूसखोर दिव्या मित्तल ने लेक्चरर से एएसपी तक का  पूरा सफर तय किया है.  एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल ने अपनी पढ़ाई चिड़ावा से शुरू की और बाद में पिलानी से पूरी कर वहीं साबू कॉलेज में लेक्चरर बनी. इसके बाद वर्ष 2007 में आरपीएससी की परीक्षा पास की, लेकिन कोर्ट में स्टे की वजह से अटक गया था परिणाम आने के बाद में 2010 में रिजल्ट जारी हुआ जिसके बाद वह आरपीएस बनी.


ये भी पढ़ें- राजस्थान में अरविंद केजरीवाल को रोकने के लिए अशोक गहलोत ने बनाया ये मास्टर प्लान