जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2020 में सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने के बावजूद ओबीसी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव और कॉलेज आयुक्तालय सहित उच्च शिक्षा सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं. हालांकि, अदालत ने कहा कि अदालती आदेश के बिना याचिकाकर्ताओं का परिणाम घोषित नहीं किया जाए. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश विकास कुमार व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.


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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से वर्ष 2020 में कॉलेज शिक्षा में गणित विषय के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के 34 पदों सहित अन्य विषयों के लिए भर्ती निकाली गई, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने गणित विषय के लिए आवेदन किया था. याचिका में कहा गया कि आरपीएससी की ओर से अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार लेने के बाद कट ऑफ जारी की गई. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए हैं.


वहीं, आरपीएससी ने याचिकाकर्ताओं को यह कहते हुए काउंसलिंग में शामिल करने से इनकार कर दिया कि उनके पास भर्ती के समय का अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र नहीं है.याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास वर्तमान का अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र है. इसके अलावा उनके अंक सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक आए हैं. ऐसे में उन्हें नियमानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण का लाभ देने के बजाए सामान्य वर्ग के पदों पर नियुक्ति दी जाए.


याचिका में कहा गया कि आरपीएससी को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.


Reporter- mahesh pareek 


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