Astrology : वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस बार रंगभरी या फिर आमलकी एकादशी पर शुभ संयोग बने हैं, जो उन लोगों के लिए शुभकर हैं, जिनकी शादी नहीं हुई है. या फिर शादी नहीं हो पा रही है. 


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इस एकादशी में भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद आसानी से मिल जाता है. इसके लिए स्नान ध्यान कर सफेद या गुलाबी रंग का कपड़ा पहनें और फिर तांबे के लोटे में जल और पीला चंदन-अक्षत डालकर साथ में गुलाल-अबीर घी का दीया जला लें.


धूप जलाकर 5 बेलपत्र भगवान शिव के मंदिर में चढ़ा दें. अब भगवान शिव के चंदन लगाकर, जनेऊ डाले. फिर ओम नमः शिवाय का जप करते हुए बेलपत्र अर्पित करें और प्रार्थना करें. 


रंगभरी या फिर आमलकी एकादशी पर शाम के समय गुलाल और अबीर-मिश्री का भोग भगवान शिव को लगाये. साथ ही रंगभरी एकादशी के दिन व्रत कर सूर्यास्त के बाद विधि-विधान पूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. 


पूजा के बाद सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती से अपने वैवाहिक जीवन में ग्रह नक्षत्रों को अनुकूल रहने की प्रार्थना करें. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होंगे और शादी के अच्छे प्रस्ताव आपके पास आएगें और जल्दी शादी होगी.


पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव अपने विवाह के बाद  पहली बार काशी गये तो वो दिन रंगभरी एकादशी का था. इसी लिए काशी समेत कई प्राचीन मठों पर इस दिन से होली खेली जाती है.


इस एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा और भगवान शंकर और माता पार्वती समेत भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से मन की इच्छा पूरी होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. 
(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है,जिसकी ZeeMedia पुष्टि नहीं करता है )


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