Rajasthan Lok sabha Election: चूरू के चुनाव में जबरदस्त रोमांचक मुकाबला होने वाला है. यहां से कांग्रेस से राहुल कस्वां और बीजेपी के देवेंद्र झाझड़िया चुनावी मैदान में उतरे है. कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत को चूरू का प्रभारी बनाया है. आखिरकार चूरू के चुनाव में बीजेपी कैसे देगी कांग्रेस को टक्कर पढ़ें पूरी खबर.


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पहला सवाल- आपने तो आज गृह प्रवेश कर लिया, लेकिन लोकसभा में राजस्थान से भाजपा से कितने सांसदों का प्रवेश होगा?


जवाब- जनता ने तय कर लिया है 19 और 26 अप्रैल को 25 सीटे जिताकर लोकसभा भेजेगी,अबकी बार राजस्थान में हैट्रिक होगी. बीजेपी के सभी प्रत्याशियों का गृह प्रवेश होगा.


दूसरा सवाल- आपको चुरू का प्रभारी बनाया है,राहुल कस्वां कहते है जो चूरू से टकराएगा चूर चूर हो जाएगा, किसको चैलेंज कर रहे है, आपको, राजेंद्र राठौड़ को या केंद्रीय नेतृत्व को.



जवाब- ये राहुल कस्वां का अहंकार बोल रहा है. रावण का अहंकार भी ज्यादा दिन तक नहीं चला था. अपने स्वार्थ के कारण उन्होंने पार्टी बदल ली.चुरू में बीजेपी की जीत तय है.

तीसरा सवाल- इस बार राजस्थान के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा बाड़मेर सीट की है,क्या लगता है, बीजेपी चुनाव जीत पाएगी बाड़मेर में?

जवाब- राजस्थान की जनता बीजेपी के साथ है,बाड़मेर हो या कोई भी सीट,सभी सीटें बीजेपी ही जीतेगी.वैसे लोकतंत्र में चुनाव जीतने का सबको अधिकार है.

चौथा सवाल-बाडमेर ही नहीं,बल्कि दौसा,जयपुर ग्रामीण,नागौर इन सीटों पर भी अच्छी फाइट है.

जवाब- ये सट्टा बाजार और मीडिया की उपज है,परिणाम यहां भी भाजपा के पक्ष में जाएंगे.बीजेपी सभी 25 लोकसभा सीटें जीतेगी.

पांचवा सवाल-अबकी बार माली समाज किस और जा रहा है?

जवाब- 90 प्रतिशत माली वोट बीजेपी के पक्ष में है.मोदी जी ने हरियाणा में माली समाज के नेता को मुख्यमंत्री बनाया. राजस्थान में मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को मंत्री बनाया.पूरा माली समाज बीजेपी, मोदी के साथ है.

छठा सवाल- कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री वैभव गहलोत भी चुनावी मैदान में है,कही मालियों का वोट बैंक बंट न जाए?

जवाब-जालौर से वैभव गहलोत नहीं होते तो कोई और भी चुनाव लडते. बीजेपी जातियों के नाम पर नहीं, बल्कि विकास के नाम पर वोट मांगती है, इसलिए वहां भी बीजेपी जीतेगी.

सातवां सवाल-चूरू में क्या समझे,फाइट है,बीजेपी की सीधी जीत है या कुछ और?

जवाब- फाइट तो है ही, क्योंकि प्रतिद्वंदियों का कम आकने की गलती हम नहीं करते, इसलिए फाइट तो है ही.