Ram Mandir: 26 साल से इस राम भक्त ने नहीं खाया अन्न, लिया था ये प्रण
Ayodhya Ram Mandir: 26 साल से भागवत दास ने अन्न नहीं खाया है. भागवत दास ने कहा कि उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा, तब तक वह अन्न नहीं खाएंगे.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए अनगिनत श्रद्धालुओं ने अपने-अपने तरीके से कठोर प्रण लिए थे. हालांकि इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि उनका यह प्रण और इंताजर इतना लंबा हो जाएगा लेकिन इन लोगों को इतना विश्वास जरूर था कि एक दिन उनके आस्था और भक्ति की जीत होगी.
ऐसा ही एक श्रद्धालु पश्चिम चंपारण जिले हैं, जिनका नाम भागवत दास जी है. भागवत दास जी ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक राम मंदिर नहीं बनेगा, वो अन्न का एक टुकड़ा भी नहीं लेंगे. इसी के चलते वह पिछले 26 साल से फल खाकर ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः इन 6 चीजों पर ना रखें कदम, जीवनभर होगा नुकसान!
भागवत दास जी बगहा प्रखंड के कोल्हुआ चौतरवा गांव के रहने वाले हैं, जो 8 साल की उम्र में अयोध्या जाकर साधु बन गए थे. राम की अयोध्या नगरी में ही भागवत दास ने ही शिक्षा-दीक्षा पूरी की. साथ ही वे शास्त्री बन गए.
भागवत दास जी ने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों पर हुई बर्बरता को को अपनी आंखों से देखी. उस वक्त वह केवल 14 साल के थे. इसी समय उन्होंने यह संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा, तब तक वह अन्न नहीं खाएंगे.
भागवत दास जी ने प्रण लिया कि जब अयोध्या में भगवान श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान होंगे, तभी वे फल को छोड़कर अन्न खाएंगे.
वहीं, अब 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने वाली है और रामलला विराजमान होंगे. इसके बाद ही भागवत भी अपने इस प्रण को तोड़कर अन्न ग्रहण करेंगे. बता दें कि भागवत दास जी करीब 26 साल के बाद अन्न खाएंगे.
यह भी पढ़ेंः सीता माता के कौन से श्राप से वीरान हो गई थी राम की अयोध्या नगरी
भागवत दास का पैतृक गांव बगहा का कोल्हुआ चौतरवा है, जो एक कारसेवक और सच्चे राम भक्त हैं. भागवत दास अपने पैतृक गांव के एक मठ में ही रहते हैं, लेकिन वह लगातार अयोध्या आते-जाते रहते हैं. भागवत दास जी को भी 22 जनवरी को प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है, जिसको पाकर वह बहुत खुश हैं. वह अयोध्या के लिए निकल चुके हैं. भागवत दास जी सामूहिक कन्या विवाह में हमेशा सहयोग करते हैं और वह अब तक 450 कन्याओं की शादी करवा चुके हैं.