राजस्थान में माफियाओं का चलेगा खुला खेल, तीन लीजों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म
Jaipur News : राजस्थान में बजरी की तीन लीजों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया, वहीं 3 लीजों का कांटेक्ट इसी महीने खत्म होने जा रहा है. लीज समाप्त होने के बाद बंद पड़ी खानों से धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन और परिवहन किया जा रहा है.
Jaipur News : प्रदेश में बजरी की तीन लीजों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया, वहीं 3 लीजों का कांटेक्ट इसी महीने खत्म होने जा रहा है. लीज समाप्त होने के बाद बंद पड़ी खानों से धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन और परिवहन किया जा रहा है. बजरी लीज, एल.ओ.आई. होल्डर्स वैलफेयर समिति ने ACS माइंस को ज्ञापन देकर चैक पोस्ट स्थापित करने की मांग की है.
सेन्ट्रल एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के मध्यनजर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में राज्य में लगभग 4 वर्ष से बन्द पड़ी बजरी लीजों को पुनः चालू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये गये. जिसकी पालना में खनिज विभागों के अधिकारियों द्वारा स्वीकृति आदेश जारी किये गये व किये जा रहे हैं एवं मंशा पत्र धारकों द्वारा स्वीकृति आदेशों की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर खनन पट्टों का अनुबन्ध करवाये गए और करवाये जा रहे हैं.
राजस्थान में राज्य के बजरी के 3 खनन पट्टों तहसील जालौर, तहसील सायला, एवं तहसील कोटडी का नॉन डाईज पीरियड के तहत (लगभग 3 माह के लिये) खनन पट्टों का अनुबन्ध, संविदा निष्पादन करवाया गया. इनकी समयावधि जुलाई, 2022 में समाप्त हो गई एवं लीज धारकों द्वारा लीजों में खनन कार्य बन्द करवा दिया गया. इसी प्रकार 3 बजरी खनन पदटों की समयावधि माह फरवरी 2023 में समाप्त होने जा रही हैं. जिन लीजों की समयावधि समाप्त हो गई है उन लीजों में धडलले से माफियाओं द्वारा अवैध बजरी का खनन एवं परिवहन किया जा रहा हैं एवं ये माफिया भविष्य में इस अवैध बजरी खनन के धन्धे को कारोबार के रूप में विकट स्थिति पैदा कर सकते है, चूंकि वर्तमान में उन लीजों में कोई स्वामित्व नहीं है.
पूर्व में राजस्थान में वर्ष 2017 से 2021 की समयावधि अन्तर्गत लीजों में खनन कार्य बन्द होने के कारण वहां के समीपस्थ माफियाओं ने इस अवैध बजरी खनन को अपना-अपना करोबार बना लिया था और नदी क्षेत्रों से धड्डले से बजरी का खनन एवं परिवहन भारी मात्रा करवाया गया और लीज धारकों द्वारा स्वीकृत खनन पट्टो में वैध खनन कार्य पुनः चालू करने करने के लिए इन माफियाओं से झूझना पडा था. ऐसे में अतिआवश्यक है कि जिन खनन पट्टों में कोई स्वामित्व नही रहा एवं नही रहेगा. उन लीजों में नजदीकी लीज धारकों द्वारा अवैध बजरी खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु चैकपोस्टें स्थापित करवाना अति आवश्यक है, जिससे समीपस्थ लीज धारकों को आर्थिक नुकसान एवं राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं हो अन्यथा, यह अवैध बजरी खनन एवं परिवहन का रूप राजस्थान में पुनः विकट रूप धारण कर सकता है. समिति ने बजरी लीजों की समयावधि समाप्त होने के बाद बन्द पड़ी बजरी लीजों में समीपस्थ लीज धारकों द्वारा चैकपोस्टें स्थापित करवाने सम्बन्धी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है
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