Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से जारी डेजिग्नेट सीनियर अधिवक्ताओं की सूची में अनुभवी वकीलों को शामिल नहीं करने के खिलाफ वकीलों का धरना सोमवार को भी जारी रहा. वहीं, दूसरी ओर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से धरने में शामिल तीन अधिवक्ताओं को नोटिस जारी कर तलब करने पर धरना दे रहे एक अधिवक्ता ने भाजपा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर बार अध्यक्ष भुवनेश शर्मा को पार्टी की सदस्यता से निष्कासित करने की मांग की है.


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धरने पर बैठना बना विवाद की जड़
वर्ष 1964 से वकालत कर रहे अधिवक्ता पीसी जैन, वर्ष 1977 से वकालत कर रहे अधिवक्ता विमल चौधरी को हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से सीनियर अधिवक्ता घोषित नहीं करने के विरोध में दोनों अधिवक्ताओं सहित अधिवक्ता विजय पूनिया और पीसी भंडारी और अन्य रोजाना एक घंटा हाईकोर्ट परिसर में धरना दे रहे हैं. इस पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता जैन, चौधरी और पूनिया को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया कि एसोसिएशन उनके लिए काम कर रही है, लेकिन तीनों अधिवक्ता सीनियर लॉयर्स बार एसोसिएशन जैसी फर्जी संस्था के बैनर तले धरना देकर उसे पनपाने में सहयोग कर रहे हैं.


भाजपा अध्यक्ष को लिखा पत्र
बार एसोसिएशन की ओर से भेजे नोटिस से खफा होकर अधिवक्ता विमल चौधरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि बार अध्यक्ष भुवनेश जैन वकीलों में भाजपा की छवि धूमिल कर रहे हैं. एक महिला न्यायाधीश से अभद्रता करने पर उन्हें अवमानना का नोटिस भी मिल चुका है. इसके अलावा एक अन्य न्यायाधीश की अदालत में ताला लगाने पर सुप्रीम कोर्ट मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान भी ले चुका है. ऐसे में उन्हें तुरंत पार्टी से निष्कासित किया जाए.


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स्थापना दिवस पर हो रही तकरार
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ का 31 जनवरी को स्थापना दिवस होता है. वकीलों ने संघर्ष कर 31 जनवरी 1977 को हाईकोर्ट की जयपुर पीठ को स्थापित कराया था. यहां वकालत करने वाले कई अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य राज्यों में सीजे भी बने हैं. ऐसे में बेंच-डे के मौके पर वकीलों की तकरार के चर्च हो रहे हैं.


गौरतलब है कि हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से सोमवार को जारी की गई अधिसूचना के तहत हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में 11 और जयपुर पीठ में 15 वकीलों को सीनियर अधिवक्ता डेजिग्नेट किया गया है. इस सूची में सबसे वरिष्ठ वकील अरविन्द कुमार गुप्ता हैं, जो वर्ष 1972 से वकालत कर रहे हैं. वहीं, सबसे युवा संजय झंवर हैं, जो वर्ष 2002 से प्रैक्टिस में हैं.


Report: Mahesh Pareek