जनवरी 2024 में देश को समर्पित होगा रेगिस्तान का नगीना, बदलेगी बाड़मेर की किस्मत
PM Modi Barmer Refinery : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 में देश की सबसे बड़ी पचपदरा रिफाइनरी को जनता को समर्पित करेंगे. मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह रिफाइनरी देश के लिए रेगिस्तान का नगीना बनकर उभरेंगी.
PM Modi Barmer Refinery : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी पचपदरा रिफाइनरी की सौगात जनवरी 2024 में मिल जाएगी. यह रिफाइनरी देश के लिए रेगिस्तान का नगीना बनकर उभरेंगी और इस रिफाइनरी के शुरू होने से भारत भी दुनिया में रिफाइनरी के नक्शे में तीसरे स्थान पर होगा.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज पचपदरा में रिफाइनरी का निरीक्षण किया साथ ही एक समीक्षात्मक बैठक अधिकारियों के साथ में ली. रिफाईनरी का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में किया और इस काम को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन बीच में दो वर्ष कोरोना महामारी आदि कारणों से इसमें देरी हुई है और अब इस काम को जनवरी, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 में इस रिफाइनरी को जनता को समर्पित करेंगे.
उन्होंने स्थानीय लोगों को रिफाईनरी में रोजगार के सवाल पर कहा कि इसमें 30 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है और इसमें 30 प्रतिशत स्थानीय लोग है. उन्होंने कहा कि रिफाईनरी रेगिस्तान का नगीना होगा और और मोदी का यह राजस्थान के लिए बड़ा तोहफा है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि एचआरआरएल रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स 9 एमएमटीपीए कच्चे तेल को संसाधित करेगा और 2.4 मिलियन टन से अधिक पेट्रोकेमिकल का उत्पादन करेगा, जो पेट्रोकेमिकल के कारण आयात बिल को कम करेगा. यह परियोजना न केवल पश्चिमी राजस्थान के लिए औद्योगिक केंद्र के लिए एक प्रमुख उद्योग के रूप में कार्य करेगी. बल्कि 2030 तक 450 एमएमटीपीए शोधन क्षमता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण के लिए भारत को आगे बढ़ाएगी.
पुरी ने कहा कि यह परियोजना पेट्रोकेमिकल्स के आयात प्रतिस्थापन के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी. वर्तमान आयात 95000 करोड़ रुपये का है, यह पोस्ट कमीशन आयात बिल को 26000 करोड़ रुपये तक कम कर देगा.
रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने परिसर में और उसके आसपास लगभग 35,000 श्रमिकों को काम पर लगाया है. इसके अलावा, लगभग 1,00,000 कर्मचारी अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.
इसके अलावा, लगभग 600 छात्रों के लिए 12वीं कक्षा तक एक को-एड स्कूल खोला जाएगा. ₹300000000 की लागत से बनने वाले स्कूल का निर्माण आरंभ हो गया है. उम्मीद की जाती है कि यह दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. एक 50 बेड वाले अस्पताल भी विकसित किया जा रहा है. इसके लिए भी भूमि का अधिग्रहण कर गया है और यह दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. आसपास के क्षेत्रों में गांवों के लिए सड़कों के निर्माण से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार लाने में सहायता मिलेगी.
उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने को पेट्रोलियम से वार्षिक लगभग 27,500 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसमें से रिफाइनरी का योगदान 5,150 करोड़ रुपये का होगा. इसके अलावा, लगभग 12,250 करोड़ रुपये के बराबर के उत्पादों के निर्यात से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी अर्जित होगी. इस परियोजना से क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
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