Beggar Story: दिनभर में हम लोग बाहर आते-जाते कई भिखारी देखते हैं, लेकिन आपने कभी उनमें एक बात नोटिस की कि भिखारियों के बाल काफी घने होते हैं, जबकि वो न तो कभी तेल लगाते हैं और ना ही कभी अपने बालों को शैंपू से धोते हैं.  


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इस दुनिया में करोड़ों लोग गंजेपन से बचने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन इसी दुनिया में रहने वाले और सड़कों पर घूमने वाले भिखारी डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के करने वाले दावों को झूठा साबित कर रहे हैं. आज हम आपको इस बात का राज बताने जा रहे हैं कि आखिरी भिखारी, मजदूर और सड़कों पर रहने वाले कुछ अन्य लोगों के बाल क्यों नहीं झड़ते हैं. 


इस सवाल का जवाब ना तो एलोपैथी के डॉक्टरों के पास और ना ही आधुनिक विज्ञान की लैब वाले डॉक्टरों के पास है.इसका जवाब एक आयुर्वेद नाम की प्राचीन किताब में छुपा हुआ हैं. उस किताब के मुताबिक, जो लोग अपना जीवन यापन करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं, उन लोगों की इम्यूनिटी पावर दूसरे प्रोटीन शेक पीने वाले इंसान से कई ज्यादा अच्छी होती है. 


इसके अलावा उनको कोई पौष्टिक आहार नहीं मिलता है और न ही खाना खाने का कोई टाइम होता है. उन्हें जब भी जो मिलता है वो ही खा लेते हैं. इस कारण उनका खाना पचाने की शक्ति बाकि तीन टाइम खाना खाने वाले इंसान से कई ज्यादा होती है. 


ये लोग अपने जीवन में जैविक घड़ी का पालन करते हैं, उसके अनुसार, सुबह जल्दी उठते हैं और शाम होते ही सो जाते हैं. वहीं, धूप से बचने के लिए पेड़ की छांव में रहते हैं और ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाकर बैठते हैं. इसके अलावा ये लोग किसी भी प्रकार का जीवन में तनाव नहीं लेते हैं. कहते हैं कि बाल उन्हीं लोगों को सफेद होते है या फिर झड़ते हैं, जो लोग टेंशन लेते हैं. 


इस बात का जवाब ज्योतिष शास्त्र में छुपा हुआ है. उसके अनुसार, जिस शख्स की कुंडली  शनि तत्व शक्तिशाली और मंगल व सूर्य तत्व मृतप्राय होते हैं, ऐसे शख्स आलसी होते हैं. इसके चलते वे लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते हैं. इसके कारण ऐसे लोगों के बाल और नाखून बाकि लोगों से मजबूत होते हैं. कई बार तो ऐसे इंसानों के बाल उनकी मृत्यु तक भी सफेद नहीं होते हैं. 


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