किरोड़ी के समर्थन में पहुंचे प्रभारी बोले- CM तुष्टीकरण के लिए भरतपुर चले जाते हैं, लेकिन वीरांगनाओं से नहीं मिल रहे
Kirodi Lal Meena - Arun Singh : वीरांगनाओं के साथ सांसद किरोड़ीलाल मीणा का धरना 5वें दिन भी जारी, बीजेपी प्रदेश प्रभारी बाेले, गहलोत तुष्टीकरण के लिए भरतपुर चले जाते हैं, लेकिन वीरांगनाओं से नहीं मिल रहे.
Kirodi Lal Meena - Arun Singh : पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के साथ सांसद किरोड़ीलाल मीणा का धरना शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहा. धरना स्थल पर बीजेपी नेताओं के पहुंच कर मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच शनिवार को बीजेपी के प्रदेश प्रभारी सांसद अरूण सिंह ने शहीद स्मारक पहुंचकर वीरांगनाओं से चर्चा की और उनकी मांगों के सम्बंध में जानकारी ली. बीजेपी प्रदेश प्रभारी ने कहा कि राज्य के सीएम अशोक गहलोत तुष्टीकरण के लिए भरतपुर पहुंच जाते हैं, लेकिन जयपुर में वीरांगनाओं से नहीं मिल रहे हैं.
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों की वीरांगनाओं को उनका हक़ दिलाने के लिए पिछले 5 दिन से शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. शनिवार शाम राजस्थान बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह और विधायक वासुदेव देवनानी भी सांसद किरोड़ीलाल के पास धरना स्थल पर पहुंचे. बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भरतपुर जा सकते हैं. लेकिन धरने पर बैठी वीरांगनाओं से नहीं मिल सकते. यही दर्शाता है कि मुख्यमंत्री तुष्टिकरण की राजनीति कर रहें हैं. हम यही चाहते हैं कि सरकार ने जो वादे शहीदों के परिवार से किए थे. वो पूरे हो, पूरी बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ है.
अशोक गहलोत सरकार एसी में बैठें जबकि सांसद वीरांगनाओं के साथ यहां धरना दे रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत को संवेदनशीलता दिखाते हुए वीरांगनओं से मिलकर उनकी मांगों को मानना चाहिए. अरूण सिंह ने कहा कि राजस्थान में पीड़ितों को न्याय दिलाने के सबसे ज्यादा आंदोलन अगर किसी ने किए हैं तो वो सांसद किरोड़ीलाल मीणा है. उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं की मांगें इतनी बड़ी नहीं है कि सरकार इन्हें पूरा नहीं कर पाए. खुद मंत्रियों ने जो घोषणाएं कीं, उन पर ही अमल करना चाहिए. ऐसा करने की बजाय सरकार वीरांगनाओं को प्रताड़ित कर रही है.
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण का आरोप लगते हुए कहा.. मुख्यमंत्री भरतपुर जा सकते हैं.. जुनैद और नासिर के परिवार वालो से मिलने.. जोकि गौ तस्कर थे. .वो भी घटना निंदनीय थी.. लेकिन मुख्यमंत्री शहीदों की वीरांगनाओं से नहीं मिल सकते. जिन शहीदों ने देश के लिए बलिदान दिया है. हमारी मांग सिर्फ ये है कि जो वादे शहीद के परिवार से किए थे वो पूरा हो. जब तक मांगे पूरा नहीं होगी तब तक धरना जारी रहेगा.
सरकार वीरांगनाओं से कर रही अपराधियों जैसा व्यवहार: डॉ. मीणा
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार वीरांगनाओं की जायज मांगों को पूरा करने की बजाय तानाशाही कर रही है. विधानसभा के गेट पर धरना देते समय भी पुलिस ने वीरांगनाओं के साथ अभद्रता की. शनिवार को तो मारपीट तक कर दी. उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाना कोई अपराध है, जो पुलिस ने शहीदों की पत्नियों के साथ मारपीट की, उन्हें घसीटते हुए गाड़ी में डाला. यदि मुख्यमंत्री मुझसे नहीं मिलना चाहते तो कम से कम वीरांगनाओं से तो एक बार मिल लें. वे तो खुद को गांधीवादी कहते हैं.