Jaipur : पीसीसी ने निंबाराम की गिरफ्तारी की मांग करते हुए राजनीतिक प्रस्ताव पास किया है, तो इसके विरोध में आज भाजपा का महिला मोर्चा निंबाराम के समर्थन में खड़ा हो गया है. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में महिला मोर्चा ने संकल्प पारित कर निंबाराम (Nimbaram) का हर मुश्किल में साथ देने का वादा किया. साथ ही ऐलान किया कि मातृ संगठन के पदाधिकारी पर आंच नहीं आने देंगे.


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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रभारी अजय माकन (Ajey Maken) और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की मौजूदगी में पीसीसी पदाधिकारियों से रायशुमारी के बाद एक दिन पहले ही आरएसएस के निंबाराम की गिरफ्तारी का प्रस्ताव पारित किया, तो अब भाजपा का महिला मोर्चा (BJP Mahila Morcha) निंबाराम को बचाने के लिए खड़ा हो गया है. महिला मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में दौसा से सांसद जसकौर मीना ने निंबाराम को निर्दोष करार दिया और कहा कि राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी साजिश रच रही है, जिसका मोर्चे पर विरोध किया जायेगा और पार्टी की महिलायें पुरूषों से आगे खड़ी रहेंगी.


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अगर निंबाराम की गिरफ्तारी की कोई भी कोशिश हुई तो सरकार को करारा जवाब दिया जायेगा. महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अलका मूंदड़ा ने भी आरएसएस नेता का हर हाल में साथ देने का संकल्प दिलाया. 


भारतीय जनता पार्टी के लिए निंबाराम सिर्फ संघ का एकमात्र चेहरा ही नहीं बल्कि उस संगठन का हिस्सा हैं, जिसके इर्द गिर्द पार्टी चलती है. मातृ संगठन से आने वाले नेता पर उंगली उठी तो तमाम भाजपाई एक साथ विरोध के स्वर मुखर करने लगे हैं. जब मीडिया ने पूछा कि क्या आप निम्बाराम के टेप आने के बावजूद उन्हें क्लीन चिट देते हैं तो महिला मोर्चा ने उन्हें निर्दोष करार दिया और कहा अभिव्यक्ति और बातचीत तो कहीं भी की जा सकती है, लेकिन अपराध साबित नहीं हुआ है. कानून तथ्यों से चलता है सुबूतों से चलता है वह कहां है.


दो दिन चली कार्यसमिति में महिला अपराध पर जमकर चर्चा हुई. गहलोत सरकार को बढते महिला अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. मगर अंतिम सत्र में निंबाराम के अलावा कोई बात नहीं हुई. बीजेपी की महिला नेताओं ने सरकार को जमकर कोसा. कहा कि पीसीसी सिर्फ एक पार्टी का दफ्तर है. कोई न्यायालय नहीं, जो बिना सुनवाई के ही सजा सुना दे. कांग्रेस के नेताओं ने लोकतंत्र को मजाक बनाकर रख दिया है. राष्ट्रवादी संगठन के ईमानदार नेता की छवि को बदनाम कर कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है. उसके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने दिये जायेंगे. अगर निंबाराम की गिरफ्तारी को लेकर कहीं भी कोई भी कोशिश की गई तो महिला मोर्चा पुरूषों से आगे खड़ा मिलेगा और कांग्रेस सरकार की तानाशाही नहीं चलने दी जायेगी.


भाजपा के लिए निंबाराम प्रकरण वजूद से ज्यादा प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है. कांग्रेस संघ पर प्रहार कर भाजपा को कमजोर करना चाहती है, ताकि भाजपा बचाव की मुद्रा में नजर आये और इसका फायदा उसे जनता के समर्थन से हासिल हो, लेकिन बीजेपी संगठन अपने मातृ संगठन के पदाधिकारी के बचाव में है क्योंकि बीजेपी को भी शक्ति अपने मूल से ही मिलती है और यदि संघ कमज़ोर पड़ा..तो बीजेपी भी लड़खड़ा जाएगी और विचारधारा पर सवाल खड़े होंगे, जोकि बीजेपी कभी नहीं चाहेगी.


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