भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा ने `बाड़ेबंदी` के आरोप पर बोले, कहा- दुष्यंत सिंह पर लगे आरोप एक षडयंत्र
Rajasthan BJP CM Face: राजस्थान में सीएम पद को लेकर चल रही सियासी अटकलों को लेकर मामला सामने आने के बाद अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने स्पष्टीकरण जारी किया. अंता विधायक कंवर लाल मीणा ने कहा दुष्यंत सिंह पर आरोप लगाना एक षडयंत्र है.
Rajasthan BJP CM Face: राजस्थान में सीएम पद को लेकर चल रही सियासी अटकलों को लेकर मामला सामने आने के बाद अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने स्पष्टीकरण जारी किया. राजस्थान में बीजेपी के पांच विधायकों के मंगलवार को जयपुर के एक ‘रिसॉर्ट’ में एक साथ ठहरने से ‘गोलबंदी’ की अटकलें तेज हो गई थी.
बीजेपी के पूर्व विधायक हेमराज मीणा ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे के बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह ने बीजेपी के कुछ विधायकों की बाड़ेबंदी की. हालांकि बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
विधायक कंवरलाल मीणा ने दी सफ़ाई
विधायक कंवरलाल मीणा ने इस मामले में सफ़ाई दी. कंवरलाल मीणा ने कहा कि आपसी सहमति से हम लोग रुके थे. हम सब झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के विधायक है
,जो जीतने के बाद विधायक ललित मीणा सहित आरएसएस व भाजपा कार्यालय बारां गये. सुबह 6 बजे अपने अपने घरों से हम सब अपनी अपनी गाडियों से जयपुर आये
अपनी आपसी सहमती से एक साथ होटल में रुके. बाड़ाबन्दी जैसी बात कहना शरारतपूर्ण है.
बाड़ाबन्दी जैसी बात कहना शरारतपूर्ण- कंवरलाल मीणा
कंवरलाल मीणा ने कहा कि क्या किसी भी विधायक को उसकी मर्जी के बिना जबरन ले जाया जा सकता है ? यह बिल्कुल असम्भव बातें है. झालावाड बारां तो दुष्यन्तसिंह का अपना खुद का लोकसभा क्षेत्र है. अपने लोकसभा क्षेत्र के विधायकों की कौन बाडाबन्दी करेगा.
बता दें कि बीजेपी के पूर्व विधायक हेमराज मीणा के मुताबिक जयपुर के सीकर रोड स्थित एक रिसोर्ट में उनके बेटे और बीजेपी विधायक ललित मीणा समेत पांच विधायकों को रोका गया था. जब उनको इस बात की जानकारी मिली तो वो उन्हें निकाल कर लाए.
सीपी जोशी ने बाड़ेबंदी के आरोपों को किया खारिज
वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ( CP Joshi) ने बाड़ेबंदी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने इस मामले पर कहा कि, "ऐसा कुछ नहीं है. जीत के बाद कई विधायक दर्शन के लिए जा रहे हैं. जो मन्नत मांगी गई होंगी उनको पूरा करने के लिए जा रहे हैं."
'लॉबिंग' की अटकलें हुई थी तेज
बता दें कि राजस्थान में बीजेपी के पांच विधायकों के मंगलवार को जयपुर के एक 'रिजॉर्ट' में एक साथ ठहरने से 'लॉबिंग' की अटकलें तेज हो गईं. हालांकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इस तरह की किसी संभावना को खारिज किया है. कोटा संभाग के विधायको ने मंगलवार रात सीकर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में 'चेक इन' किया. उनमें से एक ललित मीणा (किशनगंज) को संदेह हुआ कि यह विधायकों की 'बाड़ाबंदी' जैसा कुछ मामला है क्योंकि अन्य विधायक कोटपूतली में दूसरे रिसॉर्ट में जाने की बात कर रहे थे.
ये था पूरा मामला
उन्होंने अपने पिता हेमराज मीणा को इसकी जानकारी दी जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस पूरे मामले को लेकर सूचित किया गया. पार्टी के कुछ नेता 'रिजॉर्ट' पहुंचे और विधायक को बुधवार तड़के पार्टी कार्यालय लाया गया. इस मामले में पार्टी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की.
संपर्क करने पर ललित मीणा ने इसकी जानकारी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने पीटीआई-भाषा को जानकारी साझा की और बताया, 'रात में जो कुछ भी हुआ उस बारे में मैंने पार्टी के नेताओं को जानकारी दे दी है. पार्टी मेरा परिवार है और यह हमारा पारिवारिक मामला है.' उनके पिता हेमराज मीणा ने बताया कि उनके बेटे को एक विधायक कंवर लाल मीणा ने मिलने के लिए बुलाया था.
बाद में उन्होंने उसे रिजॉर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया. हेमराज ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'जब मुझे विधायक बेटे फोन आया तो मैंने तुरंत पार्टी नेताओं को इसकी जानकारी दी . हम रिजॉर्ट में गए जहां कंवर लाल मीणा से विवाद हो गया. हालांकि, हम ललित को पार्टी कार्यालय ले आए.' जब उनसे पूछा गया कि विधायक किसके निर्देश पर वहां ठहरे हुए हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और इस बारे में कंवर लाल मीणा ही बता सकते हैं. विधायक कंवर लाल से संपर्क नहीं हो सका. इस बीच, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि 'बाड़ाबंदी' जैसा कुछ नहीं है और विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं.
उन्होंने मीडिया से कहा, 'कोई बाड़ाबंदी नहीं है. विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं.' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी फैसला विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा 'पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद बैठक बुलाई जाएगी.'
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घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए कंवर लाल मीणा ने कहा कि बात 5 दिसम्बर की रात ढाई बजे की है. 30-35 लोग रिसॉर्ट में आए और ललित मीणा को जबरदस्ती अपने साथ ले जाने लगे. उन्होंने कहा कि “परिचित न होने के कारण हमने ललित मीणा को उनके साथ नहीं भेजा. उन्होंने कहा कि जब उनके पिता आए तो हमने सहर्ष ललित को उनके साथ भेज दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘सांसद दुष्यंत सिंह उस दिन लोकसभा में थे और उनकी उपस्थिति लोकसभा में देखी जा सकती है, तब से वह दिल्ली में ही हैं. मोबाइल पर उनकी लोकेशन भी देखी जा सकती है. इस अवधि में मेरी सांसद से कोई बात नहीं हुई.” उन्होंने कहा कि विधायक को रात में ढाई बजे आकर ले जाना और दुष्यंत सिंह पर आरोप लगाना एक षडयंत्र है.