Jaipur News: प्रदेश में बढ़ रहे महिला और बालिका अत्याचार और अपराध के मामलों को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है. पूनिया ने  दुष्कर्म, गैंगरेप, अपहरण और तस्करी के मामलों से उत्पन्न स्थिति की तरफ ध्यान दिलाते हुए आयोगों से राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की है.


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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनिया ने पत्र के साथ महिला-बालिका अत्याचारों के सम्बंध में प्रकाशित खबरें भी भेजी है. पूनिया ने लिखा कि राजस्थान प्रदेश में महिलाओं, लड़कियों के प्रति निरंतर प्रकाश में आ रहे दुष्कर्म, गैंगरेप, अपहरण और तस्करी के मामलों के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं. अवगत करवाना चाहता हूं कि इस वर्तमान राजस्थान सरकार के कार्यकाल में अब तक 8 लाख 61 हजार से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिनमें से 1 लाख 55 हजार से अधिक मामले महिलाओं पर अत्याचारों से संबंधित हैं. 


साथ ही इन मामलों में से भी 25 हजार से अधिक मामले दुष्कर्म और गैंगरेप के हैं. अभी हाल ही में प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में स्टांप पेपर पर लड़कियों के खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है, जिस पर आपने संज्ञान भी लिया है. वहीं प्रदेश के डूंगरपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर इत्यादि जिलों में किशोरियों को जबरन देह व्यापार में धकेले जाने और तस्करी के मामले भी सामने आए हैं.


प्रदेश में झकझोर देने वाली घटनाएं
पूनिया ने लिखा कि राजस्थान प्रदेश की कुछ झकझोर देने वाली घटनाओं का यहां उल्लेख कर रहा हूं. राजधानी जयपुर में मई 2021 में एम्बुलेंस में महिला से बलात्कार, भरतपुर में जनवरी, 2022 में किशोरी से गैंगरेप पश्चात् ब्लैकमेल करने पर किशोरी द्वारा आत्मदाह किया गया है. अलवर में जनवरी, 2022 में मूक-बधिर नाबालिग से गैंगरेप का मामला, अक्टूबर 2022 में बांसवाड़ा में किशोरी से बलात्कार के बाद हत्या कर शव को जंगल में फेंकने का मामला, बूंदी में दिसम्बर 2021 में किशोरी की रेप के बाद हत्या करने का मामला, जनवरी 2022 में बांसवाड़ा जिले में मानसिक विमन्दित महिला से गैंगरेप और अप्रैल 2022 में दौसा में महिला का गैंगरेप कर हत्या कर शव को कुएं में फेंकने का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे हालात से प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा बड़ी चुनौती बन गया है.


प्रदेश की छवि धूमिल हुई 
उक्त प्रकार की घटनाओं से राजस्थान प्रदेश की छवि धूमिल हुई है. राजस्थान प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक मामले बेहद भयावह और निंदनीय है. राजस्थान सरकार की अकर्मण्यता, संवेदनहीनता, शिथिलता, लचर कानून व्यवस्था के कारण उक्त प्रकार की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है. पूनिया ने इन  घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई करवाएं और इनकी प्रभावी रोकथाम के लिए निर्देश जारी किए जाएं. 


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