Budget 2023-24: अगर आपने टैक्स सेविंग (Tax Saving) का प्रूफ नहीं जमा किया तो आपके खाते में सैलरी इनकम टैक्स काटकर भेजी जाएगी. इन्वेस्टमेंट प्रूफ के आपको इस बात का प्रूफ जमा कराना होता है कि आपने कहां-कहां निवेश किया है. पहले कर्मचारी को अपने दफ्तर में ये जानकारी देनी होती है कि वो कहां निवेश कर रहा है. इसके बाद जनवरी में इसका प्रूफ देना होता है.


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इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिल सकती है. धारा 80 सी के तहत आप अलग-अलग तरह के निवेश कर अपनी कुल टैक्स योग्य आय में से 1,50,000 रुपये कम करवा सकते हैं. इनवेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम की रसीद या फिर ULIP के प्रीमियम का प्रूफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश , PPF, सुकन्या समृद्धि योजना और NSC में निवेश के साथ ही होम लोन और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट का प्रूफ जमा कर सकते हैं.


2014 में टैक्स छूट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया था और साथ ही धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पाने की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख किया गया था. लेकिन अगर आप किसी साल अलग-अलग तरह के निवेश पर टैक्स छूट क्लेम करना भूल गए हैं तो फिर बाद में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर टैक्स एग्जेम्पशन क्लेम कर सकते हैं.


टैक्स बचाने के लिए धारा 80सी के तहत म्यूचुअल फंड के टैक्स फंड (ELSS), बैंक की टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, एनपीएस, पीपीएफ, जीवन बीमा पॉलिसी, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में निवेश किया जा सकता है. दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी टैक्स छूट मिल जाती है. इसके लिए आपको स्कूल की तरफ से जारी फीस का सर्टिफिकेट देना होगा. ये सेक्शन 80C के तहत आने वाला एकमात्र खर्च है, जो निवेश के दायरे में नहीं आता है. ऐसा होता है महिला नागा साध्वियों का जीवन, वेशभूषा से लेकर पिंडदान तक जानें सब


अब अगर आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट फायदा चाहते हैं तो आपको फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से पहले निवेश करना होगा. आप जिस साल की इस अवधि में निवेश करेंगे, उसी साल के टैक्स में छूट का फायदा मिलेगा. किस इंस्ट्रूमेंट में कितना निवेश करना है इसका फैसला आपको ही करना है. आपके पास कुल सीमा 1.5 लाख रुपये तक है. अब आप चाहे तो पूरा पैसा एक ही इंस्ट्रूमेंट में लगा दें या फिर कई तरह के माध्यमों में कुछ-कुछ पैसे लगा सकते हैं.


जो अमाउंट आप इस धारा के तहत क्लेम करते हैं उसे आपकी ग्रॉस टोटल इनकम से काट लिया जाता है. इस इनकम टैक्स कैलकुलेट करने में आसानी रहती है. जैसे कि आपकी ग्रॉस टोटल इनकम 10 लाख रुपये है और आपने धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट के लिए क्लेम किया, तो आपकी टैक्सेबल इनकम 8.5 लाख रुपये ही रह जाएगी. Rajasthan Politics : मीटिंग में नहीं पहुंचे सचिन पायलट, सीएम अशोक गहलोत बोले गंभीर बात, रंधावा ने कहा अब सख्ती जरूरी