Budget 2023: बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए गुड न्यूज, नया टैक्स स्लैब और HRA में बड़ा बदलाव
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी. एक आम नौकरीपेशा को बजट से बस एक ही उम्मीद होती है कि टैक्स कम हो और उसकी बचत ज्यादा हो सके. इस बार का बजट नए टैक्स स्लैब और HRA में बड़े बदलाव के साथ आ रहा है. जो नौकरीपेशा लोगों के लिए गुड न्यूज लेकर आएगा.
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी. एक आम नौकरीपेशा को बजट से बस एक ही उम्मीद होती है कि टैक्स कम हो और उसकी बचत ज्यादा हो सके. इस बार का बजट नए टैक्स स्लैब और HRA में बड़े बदलाव के साथ आ रहा है. जो नौकरीपेशा लोगों के लिए गुड न्यूज लेकर आएगा.
मेट्रो सिटीज़ में रहने वालों को होगा फायदा
पुणे और बंगलुरु जैसे मेट्रो सिटीज़ में रहने वालों के लिए बजट 2023 में खास राहत हो सकती है. वित्त मंत्री की तरफ से HRA के तहत मिलने वाली टैक्स छूट में बदलाव हो सकता है. यानि कि मेट्रो सिटीज़ में नौकरी करने वालों की टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है.
हाउस रेंट अलाउंस में बड़ा फेरबदल कराएगा बचत
अभी हाउस रेंट अलाउंस के मामले में मेट्रो शहरों के लिए नियम बनाए गए हैं. जिसमें HRA के तहत मिलने वाली टैक्स छूट 4 मेट्रो में बेसिक-DA मिलाकर 50% तक है. वहीं, दूसरे शहरों में बेसिक-DA मिलाकर HRA में 40% छूट मिलती है. अब बजट 2023 में नॉन मेट्रो शहर में रहने वाले लोगों के लिए भी HRA में छूट की सीमा 50 फीसदी हो सकती है.
नॉन सैलरीड के लिए छूट बढ़ सकती है
नॉन सैलरीड इंडिविजुअल के लिए HRA पर टैक्स छूट बढ़ सकती है. अभी सेक्शन 80GG के तहत नॉन सैलरीड इंडिविजुअल को हाउस रेंट अलाउंस यानि HRA में टैक्स छूट हर महीने की लिमिट 5000 रुपए और पूरे एक वित्त वर्ष में अधिकतम 60 हजार रुपए है. जो अब 60 हजार से ज्यादा हो सकती है.
ऑप्शनल इनकम टैक्स रिजीम
मोदी सरकार आम बजट 2020-21 में ऑप्शनल इनकम टैक्स रिजीम लेकर आई थी. जिसमें व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों पर कम दरों के साथ टैक्स का प्रावधान है. हालांकि, इस रिजीम में हाउस रेंट अलॉयंस (HRA), होम लोन के ब्याज और 80C के तहत निवेश जैसी कोई छूट नहीं दी गयी. वित्त मंत्री ने कहा कि सीतारमण ने कहा, मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े, ताकि कम आय वाले लोगों के लिए कम दरें हो सकें.
वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार 7 टैक्स स्लैब वाली ऑप्शनल टैक्स रिजीम इसलिए लायी थी कि इनकम कैटेगरी के लोगों को कम टैक्स देना पड़े. वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि ओल्ड टैक्स रिजीम में जहां हर टैक्सपेयर्स लगभग 7-10 छूट का दावा कर सकता है और इनकम लिमिट पर इनकम टैक्स की दरें 10, 20 और 30% के बीच होती हैं.
टैक्स स्लैब
इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक कुल इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की कुल इनकम पर 5%, 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक इनकम पर 10%, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक 15%, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये आय पर 20%, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 25% और 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30% का टैक्स है.
वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत भी 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक 5% टैक्स लगता है, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच 20% टैक्स और फिर इसके बाद 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स है.
यहां वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया है कि ओल्ड टैक्स रिजीम के फायदे को हटाया नहीं गया है, बल्कि नई छूट फ्री टैक्स रिजीम इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) सिस्टम ऑप्शनल है. उन्होंने कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से इनकम टैक्स रिटर्न को फेसलेस किया यानि कि बिना आमने-सामने आये असेस्टमेंट हो जाता है.