Jat Voters : राजस्थान के जयपुर में जाट महाकुंभ में कांग्रेस और बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने शिरकत की. इस मौके पर जाट समाज  ने अबकी बार एक जाट नेता को राजस्थान का सीएम बनाने की मांग की.


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जाट समाज के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि सरकार समाज को कम आंकने लगी थीं, इसलिए ये ताकत दिखाने पड़ी है. वहीं मंत्री हेमाराम चौधरी ने इशारों-इशारों में कहा कि मंत्रियों के पास कोई अधिकार ही नहीं है.


जयपुर में हुए इस जाट महाकुंभ में जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण को लेकर भी बात हुई. महाकुंभ में शामिल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मेरी पार्टी के नेता और मेरी पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर भी मैं पहले समाज का ही हूं.


आपको बता दें कि राजस्थान के चुनावों में  कम से कम 10 से 15% विधायक जाट ही होते हैं. पिछले चुनावों की बात करें तो प्रदेश में 31 जाट विधायक चुने गए. 


शेखावटी इलाका जाट बहुल है,  लेकिन जयपुर, चित्तोड़गढ़, बाड़मेर,भरतपुर, नागौर, हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, टोंक और अजमेर जिलों में जाट एक डिसाइडिंग फैक्टर हैं.


राजस्थान में जाट वोटर 12 से 14 फीसदी हैं. जो एक साथ एक जगह वोट डालते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों की तरफ से प्रदेश में अध्यक्ष शेखावाटी से ही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिहं डोटासरा सीकर (लक्ष्मणगढ़) तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां(चूरू) से हैं.


कांग्रेस और बीजेपी से इतर हनुमान बेनीवाल भी जाट समुदाय से आते हैं. और पश्चिमी राजस्थान में अपनी पैठ रखते हैं. हालांकि इस जाट महाकुंभ में हनुमान बेनीवाल का ना होना अलग बात हैं.


फिलहाल कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट तो बीजेपी में वसुंधरा राजे गुट बनाव पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जोर आज़माइश में हैं. हनुमान बेनीवाल अपनी सियासी मौजूदगी को और मजबूत कर  रहे हैं. लेकिन क्या जाट महाकुंभ की जाट मुख्यमंत्री वाली मांग पूरी होगी ये कहना अभी मुश्किल है.