Jaipur : कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार की ओर से पहले जहां CBSE 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करते हुए विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला लिया गया, तो वहीं बीते दिन सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को भी रद्द करने का फैसला ले लिया गया है. सभी राज्यों से मांगी गई सूचनाओं के आधार पर केंद्र सरकार ने परीक्षाओं (CBSE Board Class 12th Exam 2021) को रद्द करते हुए विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला लिया है. सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करते हुए विद्यार्थियों (CBSE Student) को प्रमोट करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी, जिसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है.


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सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब विद्यार्थियों की मिली जुली प्रतिक्रिया (Students Reaction) मिल रही है. जहां कुछ विद्यार्थियों ने परीक्षा नहीं होने से निराशा जताई है, तो कुछ विद्यार्थियों ने परीक्षा के रद्द होने पर अपनी खुशी जाहिर की है. 12वीं क्लास की छात्रा का कहना है कि "जिन विद्यार्थियों ने पूरे साल मेहनत की है. उनको थोड़ी निराशा जरूर है. कोरोना की परिस्थितियां अनुकूल होने पर परीक्षा आयोजित करवाई जा सकती थी. क्योंकि कई विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बेहतर मौके प्राप्त हो सकते थे, लेकिन सरकार ने विद्यार्थी हित में जो फैसला लिया है वे स्वीकार है. वहीं, 12वीं के छात्र का कहना है कि "कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा था. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से जो फैसला लिया गया है वह विद्यार्थी हित में है."


वहीं, परीक्षाओं को रद्द (CBSE 12th Exam 2021) कर प्रमोट करने के फैसले का अभिभावकों ने खुले दिल से स्वागत किया है. अभिभावकों का कहना है कि "कोरोना की दूसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा अपनी जद में ले रही है. अभी तक वैक्सीनेशन 18 साल से ऊपर के बच्चों का शुरू हुआ है ऐसे में 12वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की उम्र 18 साल से नीचे है. अगर परीक्षा का आयोजन होता तो बड़ी संख्या में बच्चों में संक्रमण का खतरा रहता. ऐसे में केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है वह विद्यार्थी हित में है और सभी अभिभावक उसका स्वागत करते हैं.


बहरहाल, सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द (CBSE Exam Cancellation) करते हुए अब प्रमोट करने का केंद्र सरकार की ओर से फैसला लिया जा चुका है. वहीं, अभिभावकों ने राजस्थान सरकार से भी गुहार लगाई है कि वह भी 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करते हुए विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनको प्रमोट करने का फैसला लें.