Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गर्मी के इस समय में कन्टीजेन्सी प्लान की क्रियान्वित करते हुए पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए इस विषय पर राज्य सरकार के अधिकारी केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय करें.


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जल परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेयजल प्रबंधन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों को ईसरदा, नवनेरा और परवन बाध जैसी अन्य सभी महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं के कार्यों को भी तेज गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए.


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मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा गर्मी के मौसम में अब तक किए गए बेहतर जल प्रबंधन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भी प्रदेशवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए समन्वित प्रयास करें. उन्होंने कहा कि हर घर जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.


सीएम अशोक महलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि विधायकों की अभिशषा के आधार पर पेयजल संबंधी स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 10 नलकूपों और 40 हैंडपंप के कार्यों की मंजूरी दी हुई है. अभियंता इन कार्यों की नियमित मॉनीटरिंग कर सुनिश्चित करें कि ये सभी कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण हों, ताकि आमजन को इनका लाभ समय पर मिल सके.


पेयजल योजनाओं के कार्यों को सम्मिलित करने का सुझाव
जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने जल जीवन मिशन ग्रामीण प्रदेश की विभिन्न पेयजल योजनाओं के कार्यों को सम्मिलित करने का सुझाव दिया ताकि हर घर पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल जीवन मिशन की घोषणा की गई है.विभाग के अभियंता शहरी जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित कार्यों को इसमें शामिल करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें.


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ग्रीष्म ऋतु में बेहतरीन पेयजल प्रबंधन
बैठक में जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि कोविड की चुनौती के बावजूद ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु के दौरान बेहतरीन पेयजल प्रबंधन किया जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश के 30 शहरी तथा 2,777 गांव-ढाणियों में पेयजल का परिवहन किया जा रहा है.


इसके साथ ही, 779 नए जल स्रोत बनाने पाइपलाइन अथवा पंप सेट बदलने के 245 तथा 272 नए नलकूप अथवा हैंडपंप चालू करने के कार्य किए हैं. बैठक में बताया गया कि इन कार्यों के लिए फरवरी-मार्च महीनों में ही 220 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृतियां जारी कर दी गई थी. इनके आधार पर टैंकरों से जल परिवहन, नए जल स्रोत तैयार करने, पाइपलाइन एवं पंप सेट बदलने आदि पेयजल संबंधी कार्य कराए गए हैं. आवश्यकतानुसार अतिरिक्त स्वीकृतियां भी जारी की जा रही हैं.