Chanakya Niti: अपनाएं इन 3 पक्षियों के आसान गुण, कभी नहीं रुकेगी तरक्की, हर कोई करेगा सम्मान
Chanakya Niti for Birds:चाणक्य ने अपनी नीतियों में कोयल के गुणों का बड़ा बयान किया है. एक श्लोक का जिक्र करते हुए चाणक्य कहते हैं कि मधुर वाणी व्यक्ति का सबसे खूबसूरत गहना है. वह कहते हैं कि जिस तरह से एक कोयल बोलने से पहले तक बिल्कुल शांत रहती है और जब बोलती है तो बहुत ही मीठा बोलती है.
Chanakya Niti for Birds: आजकल हर कोई तरक्की पाना चाहता है. कोई तरक्की के लिए गलत रास्ता चुनता है तो कोई ईमानदारी और मेहनत के रास्ते मंजिल पर पहुंचना चाहता है. वहीं, जिंदगी में सफल होने और आगे बढ़ने के लिए देश के महान अर्थशास्त्री और ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने कुछ नीतियां बताई हैं.
माना जाता है कि इन नीतियों को अपनी जिंदगी में उतारने वाले इंसान को आजीवन सफलता मिलती है. इन नीतियों को अपने जीवन में उतारने वाले सभी आने वाली बाधाओं को पार करते हुए तरक्की के शिखर पर पहुंचते हैं.
यह भी पढ़ें- ये काम करती हुई महिलाओं की तरफ गलती से भी न देखें पुरुष, तुरंत ही हटा लें नजरें, वरना...
आचार्य चाणक्य के अनुसार, छोटी से छोटी चींटी भी इंसान को दिन रात अथक परिश्रम करना सिखाती है. इसी तरह से हमारे आसपास कई ऐसे जीव-जंतु मौजूद हैं, जिनसे अगर हम सीख लें तो खूब सफलता हासिल करेंगे. बता दें कि आचार्य चाणक्य भारत के महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ रहे हैं. आचार्य चाणक्य ने जिंदगी में सफल होने के लिए जिन तीन पक्षियों का जिक्र किया है, आइए आपको उनके बारे में बताते हैं.
अपनाएं कोयल का बेहतरीन गुण
चाणक्य ने अपनी नीतियों में कोयल के गुणों का बड़ा बयान किया है. एक श्लोक का जिक्र करते हुए चाणक्य कहते हैं कि मधुर वाणी व्यक्ति का सबसे खूबसूरत गहना है. वह कहते हैं कि जिस तरह से एक कोयल बोलने से पहले तक बिल्कुल शांत रहती है और जब बोलती है तो बहुत ही मीठा बोलती है. इंसान की वाणी उसके व्यक्तित्व के बारे में बताती है. इसके लिए चाणक्य ने जो श्लोक बताया है, वह इस प्रकार है-
'तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलश्चैव वासराः
यावत्सर्वं जनानन्ददायिनी वाङ्न प्रवर्तते॥
चाणक्य के अनुसार, मीठी वाणी दोस्तों को आमंत्रित करती है जबकि तीखी दुश्मनों को. तो सफल होने के लिए कम बोलें लेकिन जब भी बोले, मीठा ही बोलिए.
यह भी पढ़ें- किसी भी पति को पत्नी को कभी नहीं बतानी चाहिए ये 4 बातें, जीवनभर उठाएगी इसका फायदा
बगुले से सीखें ध्यान लगाना
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बगुले के जिक्र किया है. बगुले को लेकर उनका श्लोक इस प्रकार है -
इंद्रियाणि च संयम्य बकवत् पंडितो नरः।
वेशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत्।।
चाणक्य कहते हैं कि जिंदगी में सफल होने के लिए इंसान को बगुला जैसा बनना चाहिए. बगुला अपनी सभी इंद्रियों को कंट्रोल में रखना जानता है. और कोई भी इंसान यह किए बिना सफल नहीं हो सकता है. चाणक्य कहते हैं कि इंसान का मन बहुत ही चंचल है. किसी भी काम पर ध्यान मुश्किल से लगा पाता है. ध्यान लगाने के लिए इंसान को बगुले से सीखना चाहिए. मन को एकाग्र करके किए गए काम में सफलता जरूर मिलती है.
यह भी पढ़ें- बसे-बसाए घर को तहस-नहस कर देती हैं इस तरह की महिलाएं, जानें आपके घर में लक्ष्मी या....
प्रतिद्वंदियों का डंटकर सामना करता है मुर्गा
सभी जानते हैं कि मुर्गा ऐसा पक्षी है, जो समय से सुबह उकर बांग देकर लोगों को जगाता है. मुर्गे के अंदर आलस नाम की चीज बिलकुल नहीं है. वह हमेशा सूर्योदय से पहले उठता है. अपनी नीतियो में मुर्गे के एक श्लोक का जिक्र करते हुए लिखा है कि
प्रत्युत्थानं च युद्ध च संविभागं च बन्धुषु।
स्व्यमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।
यानी की मुर्गा हर किसी से मिल बांट कर खाता है और अपने दुश्मनों से डंटकर सामना करता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति में भी इन तीन पक्षियों के गुण होते हैं, वह इंसान जिंदगी में सफल होता है और हमेशा उसे तरक्की मिलती है.