Chanakya Niti : महान रणनीतिकार और कूजनितिज्ञ आचार्य चाणक्य (Aachaary Chanakya) ने अपने अनुभव के आधार पर कुछ नियम नीतिशास्त्र(Niti Shastra) में बताये हैं. साथ ही स्त्री-पुरुष के गुण अवगुणों की भी व्याख्या की है. आचार्य चाणक्य के अनुसार इस तरह के स्त्री या पुरुष सिर्फ एक ही मतलब के लिए साथ होते हैं. काले दिल वाले ऐसे स्त्री-पुरुष सिर्फ खुद की इच्छाओं और भावनाओं के बारे में सोचते हैं.


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मैं सबसे पहले
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो स्त्री-पुरुष सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं. वो दरअसल एक दूसरे से भी मतलब के चलते साथ रहते हैं. जहां मतलब खत्म हुआ स्त्री, पुरुष को और पुरुष स्त्री को छोड़ देती है. इसलिए ऐसे स्त्री-पुरुष से जितना दूर रहें उतना अच्छा. ऐसे लोगों को सिर्फ खुद के दुख दिखाई देते हैं और सुख पाने के लिए ये लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं. 


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दूसरे की संपत्ति पर नजर
आचार्य चाणक्य के अनुसार चोर प्रवृत्ति के स्त्री-पुरुष बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसे लोग भैतिक सुख के लिए आपको बर्बाद कर सकते हैं. ऐसी स्त्री या पुरुष पहले आपके सबसे अच्छे शुभचिंतक बनने का ढोंग करते हैं और फिर वक्त आते ही सब छीन लेते हैं. 


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ऊंचे पद पर बैठे 
चाणक्य नीति के अनुसार ऊंचे पद पर बैठी स्त्री या फिर पुरुष किसी की भावनाओं को समझें ये जरूरी नहीं है. हमेशा नियम की दुहाई देकर भावना शून्य होकर ऐसे लोग कड़े से कड़े फैसले लेते हैं. ऐसे में चाहे सामने वाले की पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाए. ऐसे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन ऐसे लोगों को ये याद रखना चाहिए कि समय का पहिया जब घूमता है तो कर्म ही साथ देते हैं.


आचार्य चाणक्य कहते हैं, कि जैसे यमराज मृत्यु के समय किसी को नहीं छोड़ते वैसे ही ऐसे गुण वाले स्त्री पुरुष भी किसी पर तरस नहीं खाते. वक्त आने पर ये कब किस को डस लें, किसी को पता नहीं चलता.


(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, zeemedia इसकी पुष्टि नहीं करता)


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