Chanakya Niti : जिस स्त्री या पुरुष ने शरीर के इस अंग पर पा लिया काबू फिर उसे कोई नहीं रोक सकता
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Aachaary Chanakya) ने नीतिशास्त्र (Chanakya Niti) में बताया है कि मानव शरीर (Human Body) के इस अंग पर अगर काबू पा लिया जाए तो फिर ना सिर्फ वैवाहिक जीवन की उलझने कम हो जाती है, बल्कि हर मोर्चे पर सफलता (Success) कदम चूमती है.
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने आम जीवन से जुड़े कई नियमों को नीतिशास्त्र में बताया है, इन नियमों का पालन करने पर आप जैसा चाहें जीवन जी सकते हैं. हालांकि इन नियमों की पालना आसान नहीं है. नीति शास्त्र में बताया गया है कि एक स्त्री और पुरुष अगर शरीर के इस अंग पर काबू पा ले तो उनकी जीत हर क्षेत्र में पक्की है.
स्त्री हो या फिर पुरुष हर कोई कामयाबी पाना चाहता है. जिसके लिए मेहनत के साथ साथ भाग्य का साथ होना भी जरूरी है. लेकिन इन सबके बीच अगर शरीर के इस अंग पर स्त्री या पुरुष काबू कर लें तो फिर कोई उन्हे रोक नहीं पाएगा.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी स्त्री या पुरुष के लिए सफलता की कुंजी उसकी वाणी है. चाणक्य ने बताया है कि बोलने से पहले 100 बार सोचना चाहिए. क्योंकि बोली हुई बात वापस नहीं ली जा सकती, शब्दों का वार तलवार के वार से भी ज्यादा खतरनाक होता है.
Chanakya Niti : ऐसी रूपवती स्त्री की सुंदरता पुरुष के लिए बन जाती है श्राप
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर एक आर्थिक रुप से सम्पन्न स्त्री-पुरुष की भाषा कड़वी है तो उससे बड़ा गरीब दुनिया में दूसरा नहीं हो सकता है. वहीं अगर किसी गरीब की बोली शहद के समान मीठी है, तो वो गरीब होने के बाद भी पूजनीय है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री-पुरुष को बोलते हुए थोड़ी कंजूसी करनी चाहिए. जितना जरूरी हो उतना ही बोलें. बेकार की बातें कराना या फिर हर बात पर बोलना ज्ञानी नहीं मूर्ख होने की निशानी है.
Chanakya Niti : जवानी की ये भूल, स्त्री हो या पुरुष फिर सुधारी नहीं जा सकती
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि कोई भी समझदार स्त्री पुरुष बोलने से पहले सोचते हैं, चाहें वो घर पर हों या फिर ऑफिस में. क्योंकि एक गलत शब्द उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. शरीर के इस अंग यानि की जीभ पर काबू करने वाले हमेशा मान सम्मान के अधिकारी होते हैं और अपने क्षेत्र में नाम भी कमाते हैं.
(Disclaimer : लिखा गया लेख मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता )