जयपुर: एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने एनओसी जारी करने की एवज में पचास हजार रुपए की रिश्वत लेने से जुडे मामले में नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन चीफ फायर ऑफिसर जगदीश फुलवारी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है. इसके अलावा प्रकरण में अनुसंधान लंबित है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. जमानत अर्जी में फुलवारी की ओर से कहा गया कि एसीबी के पास प्रार्थी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.


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प्रार्थी ने न तो रिश्वत मांगी थी और ना ही उससे रिश्वत राशि बरामद हुई है. वहीं प्रकरण के सह आरोपी को पूर्व में जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा प्रकरण की ट्रायल पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी सीएफओ ने अपने चालक के जरिए रिश्वत ली थी.


पचास हजार रुपये लेते हुआ था गिरफ्तार


एसीबी ने चालक श्रवण को पचास हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. आरोपी अधिकारी ने परिवादी की फर्म की ओर से लगाए फायर उपकरणों के संबंध में एनओसी जारी करने की एवज में यह रिश्वत ली थी. यदि उसे जमानत दी गई तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अधिकारी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि एसीबी ने गत चार अगस्त को रिश्वत मामले में आरोपी अधिकारी व उसके चालक को गिरफ्तार किया था.


Reporter- Mahesh Pareek


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