Jaipur News: जयपुर विकास प्राधिकरण के बाद मुख्य सचिव सुधांश पंत ने आज जयपुर संभागीय आयुक्त ऑफिस और जयपुर कलेक्ट्रेट कर अधिकारियों-कर्मचारियों को फिर हैरत में डाल दिया. आराम से ऑफिस आने वाले अधिकारी-कर्मचारी निरीक्षण की सूचना मिलने के साथ भागते-दौडते हुए दफ्तर पहुंचे. सुबह 9.20 बजे से 10.10 बजे तक मुख्य सचिव पंत ने जयपुर संभागीय आयुक्त ऑफिस,राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ऑफिस पहुंचकर विजिट किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक सप्ताह पहले जयपुर जेडीए में औचक निरीक्षण के बाद आज मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर संभागीय आयुक्त ऑफिस,राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ऑफिस निरीक्षण किया. दौरे के दौरान साफ-सफाई नहीं होने, चैंबरों में फाइलों का ढेर, कोर्ट में राजस्व मामलों का निस्तारण नहीं होने पर नाराजगी जताई. चीफ सेकेट्री ने संभागीय आयुक्त और जयपुर कलेक्ट्रेट में एक-एक अधिकारियों के चैंबर और अलग अलग सेक्शन में पहुंचकर उपस्थिति और उनके टेबिल पर रखी फाइलों को देखा. सबसे पहले सुबह 9.20 बजे सबसे पहले सीएस सुधांश पंत मिनी सचिवालय स्थित संभागीय आयुक्त पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले संभागीय आयुक्त के पीए सेक्शन रूम नंबर 101 का निरीक्षण किया. उन्होंने पीए सेक्शन में फाइलों को देखा उनकी फोटो खींची. उसके बाद संभागीय आयुक्त चैंबर और कोर्ट सेक्शन में पहुंचे. जहां उन्हे जमीन पर फाइलें बिखरी हुई नजर आई.


इस दौरान संभागीय आयुक्त आरूषि मलिक और उनका स्टॉफ उपस्थित नहीं मिला. उसके बाद मुख्य सचिव मिनी सचिवालय में पहली मंजिल पर राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ऑफिस पहुंचे वहां भी ऑफिस समय तक कोई नजर नहीं आया. उसके बाद सुबह 9.30 बजे सीधे मिनी सचिवालय से जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे. जयपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस में अचानक मुख्य सचिव के पहुंचते ही कर्मचारियों-अधिकारियों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलने के साथ ही आराम से ऑफिस आने वाले अधिकारी-कार्मिक भागते-दौडते हुए दफ्तर पहुंचते हुए नजर आए. दौरे के दौरान सीएस ने कलेक्ट्रेट में अतिरिक्त जिला कलक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के चैंबर को खुद जाकर देखा. जहां अधिकांश अधिकारी तो मौके पर मिले. लेकिन कर्मचारियों की सीट खाली मिली.


निरीक्षण के दौरान कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित सहित एडीएम भी मौजूद रहे. जयपुर तहसीलदार के ऑफिस में फाइलों और पत्रवालियों को देखा. तहसीलदार की टेबल पर करीब बीस से ज्यादा पत्रवालियां रखी नजर आई. इसके बाद सीएस सीधे राजस्व अपील अधिकारी की कोर्ट में पहुंचे जहां उन्होंने फाइलों को देखा. उस दौरान आरएए (राजस्व अपील अधिकारी) रामावतार गुर्जर अपने चैंबर में मौके पर नहीं मिलने पर सीएस ने उनके स्टाफ से जानकारी ली. उनके यहां भी फाइलों की पेंडेंसी दिखी, जिसकी मुख्य सचिव ने फोटो ली. मुख्य सचिव ने टेबलों पर फाइलों का ढेर देखकर कारण पूछा. पेंडेंसी को लेकर अधिकारियों से जवाब नहीं बन पाया. ऐसे में मुख्य सचिव ने फाइलों की पेंडेंसी को लेकर कलक्टर को टाइमलाइन तय करने के निर्देश दिए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.


साथ में उन्होंने जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित से जयपुर कलेक्ट्रेट में एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार स्तर पर पेंडेंसी की रिपोर्ट मांगी. उन्होंने जयपुर एसडीएम ऑफिस का भी निरीक्षण किया उन्होंने एसडीएम कोर्ट भी जाकर फाइलों को देखा. उन्होंने जयपुर एसडीएम विनोद चौधरी से पेंडेंसी को लेकर जानकारी ली. एसडीएम ने बताया की उन्होंने 8 जनवरी को ही कार्यभार संभाला हैं. मुख्य सचिव ने कलेक्ट्रेट में लेखा शाखा, पंचायत विकास शाखा, रिकॉर्ड रूम, चुनाव शाखा का भी निरीक्षण किया. गौरतलब हैं एक सप्ताह पहले ही मुख्य सचिव ने जयपुर जेडीए का ऐसा ही औचक निरीक्षण किया था. उस दौरान जेडीए सचिव, जोन उपायुक्त और अतिरिक्त आयुक्त के चैंबर में न मिलने पर उनको एपीओ कर दिया था. 1991 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी सुधांश पंत जयपुर में कलेक्टर रह चुके है. सरकार ने उन्हें अगस्त 2002 में जयपुर कलेक्टर के पद पर लगाया था. इससे पहले वे ट्रेनिंग के दौरान 1994 में जयपुर उपखण्ड अधिकारी के तौर पर काम कर चुके है.


राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए ये निकाले आदेश


-सभी कार्मिक निर्धारित कार्यालय समय प्रातः 9:30 बजे तक कार्यालय पहुँचकर काम शुरू करें.


-लंच समय दोपहर 01:30 बजे से 02:00 बजे तक रहेगा और बिना अनुमति कार्यालय नहीं छोडे.


-सभी कार्मिको द्वारा विभाग में प्राप्त डाक एवं पत्रावलियों का समयबद्ध निस्तारण किया जायें.


अनावश्यक रूप से कोई भी और एवं पत्रावलियों को लम्बित नही रखा जायें.


-सेक्शन में प्राप्त-लम्बित-निस्तारित डाक एव पत्रावलियों की सूचना प्रत्येक सप्ताह उपलब्ध कराई जावे


-कार्यालय कक्ष को स्वच्छ और सुव्यवस्थित रखा जायें
-राजस्थान सम्पर्क पोर्टल की नियमित मॉनिटरिंग की जाकर पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का निस्तारण किया जायें.


-सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अन्तर्गत प्राप्त प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण किया जावें.


-विधान सभाप्रश्न/ध्यानाकर्षण प्रस्ताव- विशेष उल्लेख इत्यादि की सूचना समय पर भिजवाई जायें


-लम्बित प्रश्नों की सूचना प्रत्येक सप्ताह उपलब्ध कराई जावें.


-विभाग द्वारा आयोजित बैठक का कार्यवाही विवरण उसी दिवस अथवा अगले दिवस तक जारी कराया जायें.


-मुख्य सचिव के कार्यालय से प्राप्त विभिन्न पत्रों पर टाइमलाइन (TL) लिखा हुआ आयेगा


-यदि किसी पत्रावली पर चर्चा के लिए लिखा जाता है तो उसी दिन या अगले दिन तक अधिकारी से चर्चा कर निस्तारण किया जाए.


-वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रत्येक सप्ताह अपने अधीनस्थ सेक्शन में से कम से कम एक सेक्शन का निरीक्षण किया जायेगा.


-निरीक्षण के दौरान किसी अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी के पास अनावश्यक रूप से कोई लम्बित प्रकरण नहीं पाया जाना चाहिए.


-सभी अधिकारियों द्वारा ई-फाईल्स पर ई-साइन या डिजिटल सिग्नेचर आवश्यक रूप से करेंगे.


-विभागों में कार्यरत अधीनस्थ कर्मचारियों और आगन्तुको के प्रति अपका व्यवहार अच्छा और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए.


बहरहाल ,राज्य के मुख्य सचिव बनने के बाद सुधांश पंत का जोर विभागों में लंबित फाइलों के समय पर निस्तारण, अधिकारी-कर्मचारियों की समयबद्धता को लेकर रहा हैं. मुख्य सचिव ने जब से कार्यभार संभाला है. वो लगातार इसे लेकर सक्रिय नज़र आ रहे हैं. मुख्य सचिव सुधांश पंत का ई-फाइलिंग को लेकर अधिक जोर हैं. उनका मानना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती हैं. संबंधित व्यक्ति भी अपनी फाइल का स्टेटस देख सकता है.