Lumpy Skin : जयपुर में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बुधवार को राज्य के दस जिला कलेक्टर एवं पशुपालन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक कर प्रदेश में मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति और रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की पुनः समीक्षा की. उन्होंने बताया कि राज्य में गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक कदम उठा रही है.


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शर्मा ने बताया कि आपातकालीन जरूरी दवाईयां खरीदने के लिये संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 लाख से 12 लाख रुपये और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रुपये का बजट दिया गया है. ये राशि पूर्व में इमरजेंसी बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है. उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में बीमारी की रोकथाम, रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिये 30 अतिरिक्त किराये के वाहनों की व्यवस्था भी की गई है.


उन्होंने जिला कलेक्टरों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में रोगी पशुओं की समुचित उपचार व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये. शर्मा ने बताया कि दवा खरीद के लिये इमरजेंसी बजट उपलब्ध करवा दिया गया है और अतिरिक्त आवश्यकता होने पर और उपलब्ध करवा दिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में जहां पशु चिकित्सा कार्मिकों की कमी है, वहां पड़ोसी जिलों से चिकित्सा दल गठित कर भेजे गये है. उन्होनें आवश्यकता होने पर अन्य जिलों से और स्टाफ को भेजे जाने के निर्देश दिये . जिला कलक्टर द्वारा अवगत कराया गया है कि समस्त गौशालाओं में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमण कर सतत निगरानी का काम किया जा रहा है.


मुख्य सचिव ने प्रदेश में मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर 15 दिवस में रोग प्रकोप पर काबू किये जाने के निर्देश दिये. पशुपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी. किशन ने बताया कि रोग प्रकोप की इस आपदा से निपटने के लिए जिलों को पूर्ण शक्तियां प्रदान की गई है. अब जेनरिक के साथ ही ब्रांडेड दवाएं भी जिला स्तर पर ही खरीदी जा सकेगी. गौशालाओं में विभागीय कार्मिकों के नियमित भ्रमण कर रोग से बचाव के उपायों की जानकारी दिये जाने हेतु सभी को निर्देश प्रदान किये. उन्होंने दैनिक रूप प्रभावित पशुओं, उपचारित पशुओं तथा मृत पशुओं की सतत मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिये.


मुख्य सचिव ने जिला कलक्टर की मांग अनुसार जिलों को अतिरिक्त वाहन उपलब्ध करावाने के साथ ही अन्य किसी भी संसाधन की आवश्यकता होने पर तत्काल उपलब्ध करवाने की निर्देश प्रदान किये. सभी जिला कलक्टर्स की तरफ से 2 अगस्त की बैठक में लिये गये निर्णयानुसार संसाधन उपलब्ध करवाये जाने और अन्य व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत इस रोग की पूर्ण रोकथाम किये जाने का आश्वासन दिया गया है.


 


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