Sri Lanka Crisis : श्रीलंका के हालात का चीन ना उठाए फायदा, केंद्र सरकार रखें ध्यान- हनुमान बेनीवाल
Sri Lanka Crisis : सांसद ने कहा की सरकार श्रीलंका की मदद करके इस संकट से उसे उबारने और वहां रह रहे भारतीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. साथ ही कहा की चाइना, श्रीलंका की इस स्थिति का फायदा उठाकर, वहां अपने प्रभाव को बढ़ा ना सकें.
Sri Lanka Crisis : सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में श्रीलंका की वर्तमान स्थिति पर हुई सर्व दलीय बैठक में भाग लिया. बैठक के बाद सांसद ने कहा कि श्रीलंका में सरकार और जनता के बीच पुन: विश्वास स्थापित हो उसके लिए भारत सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
सांसद ने कहा की सरकार श्रीलंका की मदद करके इस संकट से उसे उबारने और वहां रह रहे भारतीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. साथ ही कहा की चाइना, श्रीलंका की इस स्थिति का फायदा उठाकर, वहां अपने प्रभाव को बढ़ा ना सकें. इसलिए भारत को सबसे पहले इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि श्रीलंका सामरिक दृष्टि से भी भारत के लिए महत्पूर्ण है.
सांसद ने कहा कि श्रीलंका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वालों में भारत का बहुत बड़ा योगदान है और एक रिपोर्ट के अनुसार 2005 से लेकर 2019 तक भारत ने श्रीलंका में करीब 1.7 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश किया. ऐसे में श्रीलंका की वर्तमान स्थिति के कारण उस निवेश और निवेश कर चुके लोगों पर कितना विपरीत असर पड़ रहा है. उस पर भी भारत सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही भारत ने एक बिलियन डॉलर की जो सहायता दी. उसे भी बढ़ाने की जरूरत है.
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केंद्र सरकार को वापस लेना होगी अग्निपथ योजना- बेनीवाल
वही खाने पीने की चीजों पर जीएसटी वापस लेने के फैसले को लेकर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम लगातार इसका विरोध कर रहे थे और विपक्ष के दबाव में सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा. किसानों के तीन बिल भी सरकार को वापस लेने पड़े थे और इसी तरह अग्निपथ योजना को भी सरकार को वापस लेना पड़ेगा.
आपको बता दें कि श्रीलंका में जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वो श्रीलंका की मदद करते रहें, भले ही कल उनका राष्ट्रपति कोई भी हो.
इधर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक में कहा, 'राजकोषीय विवेक और सुशासन पर श्रीलंका के बड़े सबक, सौभाग्य से इसमें देश, पीएम के नेतृत्व में, हम दोनों के पास बहुत अधिक मात्रा में मौजूद है. हमने इसे (श्रीलंका की स्थिति) हमारी पड़ोस नीति के हिस्से के रूप में बहुत ही मानवीय तरीके से संपर्क किया है. वे अभी भी बहुत नाजुक स्थिति की है. जैसे-जैसे आईएमएफ के साथ उनकी चर्चा आगे बढ़ेगी, प्रासंगिक एजेंसियों के साथ काम करने के मामले में हम जो भी समर्थन दे सकते हैं हम जरूर करेंगे.
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