राजस्थान में फैल रही लंपी स्किन डिजीज पर CM गहलोत ने जताई चिंता, किया यह आग्रह
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपातकालीन परिस्थितियों को देखते हुए अन्य जिलों के औषधि भंडारों में उपलब्ध औषधियां प्रभावित जिलों में भेजी जा चुकी है. रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी की गई है.
Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों के गौवंशीय पशुओं में फैल रहे लंपी स्किन रोग पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार गौवंशीय पशुओं के प्रति सजगता एवं संवेदनशीलता बरतते हुए रोग नियंत्रण के सभी संभावित उपाय कर रही है.
उन्होंने केन्द्र सरकार से गौवंश को बचाने के लिए आर्थिक एवं आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग करने के लिए आग्रह किया. गहलोत ने राज्य के पशुपालकों से धैर्य बनाये रखने एवं गौशाला संचालकों, जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है.
यह भी पढे़ं- मेड़ता: अस्थाई गो चिकित्सालय बनाकर लंपी बीमारी से ग्रस्त गोवंशों का शुरू हुआ उपचार
गहलोत ने कहा कि पशुधन राजस्थान के किसानों की जीवन रेखा है. गौवंश पशुपालकों को अकाल की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करते है. सदियों से पशुपालक पशुधन के बल पर विपरित परिस्थितियों से लड़ते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश की बहुमूल्य पशुधन सम्पदा की महत्ता को बनाए रखने, उनके विकास एवं पशुधन उत्पादन की अभिवृद्धि के साथ-साथ पशुपालकों और किसानों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.
इन जिलों में हुई लंपी स्किन की पुष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंशीय पशुओं में लंपी स्किन रोग राजस्थान राज्य सहित देष के गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेष और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैल रहा है. प्रदेष के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, पाली, सिरोही, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, चुरू, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, उदयपुर, अजमेर व बीकानेर जिलों में रोग की पुष्टि हुई है. राज्य में अब तक 1.21 लाख पशु इस बीमार से प्रभावित हुए हैं. इनमें से 94 हजार पशुओं के उपचार उपरांत 42 हजार ठीक हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 से 12 लाख रुपये और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रुपये सहित कुल 106 लाख रुपये की अतिरिक्त राषि आवंटित की गई है. यह राशि पूर्व में आपातकालीन बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपातकालीन परिस्थितियों को देखते हुए अन्य जिलों के औषधि भंडारों में उपलब्ध औषधियां प्रभावित जिलों में भेजी जा चुकी है. रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी की गई है. जयपुर मुख्यालय से भेजे गए नोडल अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस रोग की सतत निगरानी के लिए प्रभावित जिलों के साथ-साथ जयपुर मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रोग की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है. पशुपालन मंत्री ने 18 जुलाई और 31 जुलाई को अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और 3 अगस्त को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वी.सी. के माध्यम से बीमारी के संक्रमण, रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों, दवा की उपलब्धता और चिकित्सा कर्मियों की स्थिति की जानकारी लेकर मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही पशुपालन मंत्री ने गत दिनां जोधपुर जिले के फलोदी और आस-पास के क्षेत्र का दौरा कर धरातल पर वास्तविक स्थिति का भी जायजा लिया है. इस संबंध में 6 अगस्त को केन्द्रीय कृषि एवं पशुपालन मंत्री के भी राज्य के दौरे पर आने की संभावना है.
जयपुर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढ़ें- जिंदगी भर पति से ये बातें छिपाती है हर पत्नी, आखिरी दम तक नहीं बताती, खुद ले सकते टेस्ट
यह भी पढ़ें- पतियों के मुंह से ये बातें सुनना पसंद करती हैं बीवियां, शादी से पहले से होता है सपना
यह भी पढे़ं- शादी से पहले लड़कियों के बारे में लड़के जरूर जान लें ये बातें, वरना पछताते फिरेंगे लड़के
यह भी पढे़ं- कहीं आप भी तो नहीं दूसरों के सामने कर चुके हैं इन 4 बातों का जिक्र, जिंदगी भर हो सकता पछतावा