Jaipur: फोन टैपिंग (Phone tapping) मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए. गहलोत के ओएसडी ने क्राइम ब्रांच को भेजे जवाब में पिता की बीमारी का हवाला देकर सात दिन जयपुर से बाहर जाने में असमर्थतता जताई है.


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क्राइम ब्रांच ने सीएम के ओएसडी को आज 11 बजे पूछताछ के लिए तलब किया था और नहीं आने पर गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) के नोटिस के बाद दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी. शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखी है. दिल्ली पुलिस के वकील ने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया कि जब तक कोर्ट का आदेश है, तब तक गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. 13 जनवरी को अब मामले की अगली सुनवाई होगी, तब दिल्ली क्राइम ब्रांच गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.


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यह तीसरा मौका है, जब लोकेश शर्मा दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इससे पहले गहलोत के ओएसडी को नोटिस जारी कर 24 जुलाई और 22 अक्टूबर को पूछताछ के लिए तलब किया था, उस वक्त भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे. क्राइम ब्रांच ने दो बार 160 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजे थे, लेकिन इस बार सीआरपीसी 41 (1) ए के तहत आरोपी के तौर पर नोटिस भेजकर तलब किया था.


दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 12 नवंबर को पूछताछ के नोटिस में सीएम के ओएसडी पर कई तरह की शर्तें और बंदिशें लगाई थी. इन्हें लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की गई थी. नोटिस में शर्त रखी गई है कि भविष्य में कोई कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे, जब भी जरूरत हो पूछताछ के लिए कोर्ट में आना होगा. सीएम के ओएसडी से केस से जुड़े सबूत देने के लिए कहा है. जांच के लिए दस्तावेज और ऑडियो भी पेश करने के लिए कहा. नोटिस के मुताबिक और भी बंदिशें लगाई जा सकती हैं.