CM Gehlot Gave New Gifts SMS Hospital​: धनतेरस के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर पांच नई सौगात दी. सवाई मानसिंह अस्पताल में पहुंचे मुख्यमंत्री गहलोत ने न्यूरोसर्जरी डीएसए लैब, 256 स्लाइस स्पेक्ट्रल सीटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी डीएसए लैब,कार्डियोलॉजी कैथ लैब, सेमीनार हॉल का उद्घाटन कर उन्हें इलाज के लिए जनता को समर्पित किया. एसएमएस अस्पताल के बांगड परिसर में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, सरकार में मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह, विधायक अमीन कागजी, आरयूएचएस के वीसी डॉ.सुधीर भंडारी, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा, प्राचार्य डॉ.राजीव बगरहट्टा और अन्य चिकित्सकों की मौजूदगी में मरीजों को इलाज की नई सौगात मिल सकी.


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मरीजों के इलाज को लेकर पांच नई सौगात
इस दौरान बंद हॉल में सीएम ने डॉक्टर्स से मुलाकात भी की. जहां पर सीएम गहलोत ने डॉक्टर्स से हड़ताल नहीं करने की अपील भी की. गहलोत ने डॉक्टर्स से कहा कि डॉक्टर जो स्ट्राइक करते है, यह उन्हें सबसे बुरा लगता हैं. 


आप अगर काली पट्टी बांधकर किसी चीज का विरोध करेंगे तो वह भी सरकार के लिए स्ट्राइक से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. मरीज आपको भगवान मानते है और आप स्ट्राइक कर देते है. मरीज इलाज के लिए इंतजार करता हैं. सीएम ने डॉक्टर्स से कहा कि आप जो मांगो वो हम देंगे लेकिन वादा करो कि वह कभी भी हड़ताल नहीं करेंगे. डॉक्टर्स से आग्रह किया कि वह स्ट्राइक कर किसी की बद्दुआ नहीं लें. अगर पब्लिक की बद्दुआ लगती हैं तो वो बुरा होता हैं. 


राजस्थान में मेडिकल में वह सुविधा उपलब्ध है जो विदेशो में नहीं - CM गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में मेडिकल में वह सुविधा उपलब्ध है जो विदेशो में उपलब्ध नहीं हैं. यहां की चिंरजीवी योजना सब राज्यों और देशों के लिए मॉडल हैं. मरीजों को और डॉक्टर्स को सुविधा मिलनी चाहिए. सरकार के पास मरीजों को सुविधा देने के लिए धन की कमी नहीं हैं. मरीजों के लिए दवा की कमी नहीं आनी चाहिए. मरीजों को हर वक्त हर समय दवा मिलनी चाहिए.


राइट टू हैल्थ बिल लेकर आए- CM गहलोत
सीएम ने कहा कि आज बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी हो गई हैं. इस प्रोफेशन से जुड़े लोगों को यह समझना चाहिए कि शिक्षा और स्वास्थ्य पैसा कमाने के लिए नहीं हैं. संविधान और क़ानून के अनुसार शिक्षा और स्वास्थ्य धंधा नहीं होना चाहिए. अभी हम राइट टू हैल्थ बिल लेकर आए. लेकिन निजी अस्पतालों के विरोध के कारण उसे फिर से कमेटी के पास भेजना पड़ा. एक्सीडेंट हो जाने पर क्या पास के निजी अस्पताल में मरीज को इलाज लेने का हक नहीं हैं. अगर मरीज को इलाज मिलता तो सरकार पैसा देती है. मरीज को इलाज देना मानवीय दृष्टिकोण से जुड़ा हैं लेकिन कुछ चिकित्सा से गलत पैसा कमा बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी कर रहे है जो गलत है. इड़ी और इनकम टैक्स वाले ऐसे लोगों के पीछे नहीं पड़ते हैं वह तो हमारे पीछे पड़े हुए हैं.
 
लोग इलाज के लिए गहने बेच देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में फ्री दवा और इलाज योजना से हर व्यक्ति को सिक्योरिटी मिली है. हेल्थ हर घर को इफेक्ट करता है. बीमार होने पर लोग अस्पताल में उदास चेहरा लेकर जाते थे. इलाज के लिए गहने बेच देते थे, घर बेच देते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब कोई गरीब है और उसके पास कुछ भी नहीं है तो भी वह इलाज लेने के लिए सुरक्षित हैं.  


उद्घाटन कार्यक्रम में गहलोत के सामने एसएमएस अस्पताल की वार्ड महिला भावुक हो गई. उसने रोते-रोते सीएम सीएम को बताई अपनी समस्या बताई. महिला ने कहा कि वह 10 साल से बहुत कम तनख्वाह में काम कर रही हैं. जिसके बाद सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा सचिव को समस्या का समाधान करने को कहा. वहीं पुलिस ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया और मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.राजीव को कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोक दिया. उनके परिचय देने के बाद वह कार्यक्रम में शामिल हो सकें.


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सुरक्षा​कर्मियों ने एक महिला को पति की ईसीजी जांच नहीं करवाने दी. वह डेढ़ घंटे तक इंतजार करती रही. टोंक से ब्रेन हेमरेज से पीड़ित पति को लेकर आई महिला को जिम्मेदारों ने जांच सेंटर तक ही नहीं पहुंचने दिया. वहीं सीएम के साथ डॉक्टर्स ने बंद कमरे में संवाद किया. इसमें मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया. सीएम के सामने बंद कमरे में डॉ. अनिल शर्मा, डॉ.आरके जैन, डॉ.अरविंद व्यास, डॉ. मोहनीश ग्रोवर, डॉ.दिनेश भारती, डॉ.संदीप जसूजा, डॉ.​दीपक माथुर, डॉ.अचल शर्मा ने अपनी बात रखी.