Loksabha speaker and Rajya Sabha Chairman from Rajasthan : राजस्थान के झुंझुनूं से पूर्व सांसद रहे जगदीप धनकड़ को बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. उनका जीतना करीब करीब तय माना जा रहा है. ऐसे में जगदीप धनकड़ के उपराष्ट्रपति के बनने के बाद संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कमान राजस्थान के हाथों में आ जाएगी. 


ओम बिरला है लोकसभा स्पीकर


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राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला इस वक्त लोकसभा के स्पीकर है. 2019 में बीजेपी ने चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार ने इस लोकसभा के लिए ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी. ओम बिरला 2014 में भी कोटा से सांसद का चुनाव जीते थे. 


ओम बिरला ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा से 1977 में पहली बार छात्रसंघ अध्यक्ष बने. इसके बाद वो कॉमर्स कॉलेज में संयुक्त सचिव भी रहे. ओम बिरला लंबे समय तक बीजेपी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे. बाद में उनको प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बिरला को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया. जिस वक्त ओम बिरला बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे तब मध्यप्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे.


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साल 2003 में शांति धारीवाल को हराकर ओम बिरला विधायक बने. विधायक बनने के बाद प्रदेश की वसुंधरा सरकार में उनको संसदीय सचिव की जिम्मेदारी मिली. और जन अभाव अभियोग का प्रभार दिया गया. जहां बिरला ने खुद को साबित किया. बाद में विपक्ष के विधायक के तौर पर भी विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायक के तौर पर पहचान बनाई. 


जगदीप धनकड़ बनेंगे राज्यसभा सभापति !



लोकसभा का सभापति सांसदों में से ही चुना जाता है. लेकिन राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति के पास होती है. अगर जगदीप धनकड़ उपराष्ट्रपति बन जाते है. तो बतौर उपराष्ट्रपति राज्यसभा की कमान भी उनके हाथों में ही होगी. ऐसे में लोकसभा के साथ साथ संसद के दूसरे सदन राज्यसभा की कमान भी राजस्थान के ही किसी शख्स के हाथों में होगी. 


झुंझुनूं में जन्मे जगदीप धनकड़ झुंझुनूं से जनता दल के टिकट पर सांसद रह चुके है. केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. उसके बाद अजमेर की किशनगढ़ विधानसभा सीट से वो विधायक बने. साल 2003 में जगदीप धनकड़ बीजेपी में शामिल हो गए. वो नेता के साथ साथ सीनियर वकील भी है. राजस्थान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे है. और सुप्रीम कोर्ट में भी वकालात की है. 


जाहिर सी बात है. संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा की कमान राजस्थान के हाथों में आती है. तो ये पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है. जब बड़े संवैधानिक पदों की जिम्मेदारी राजस्थान के किसी शख्स के पास होगी.


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