बिजली कटौती पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, सीएम गहलोत ने कहा- बीजेपी है जिम्मेदार
राजस्थान में बिजली संकट से फिलहाल निजात मिलने की संभावना नहीं है. प्रदेश में दिनों दिन बिजली की समस्या बढ़ती जा रही है. अचानक से बिजली की ये समस्या कोयला खत्म होने से पैदा हुई है. प्रदेश के कई जिलों में 14 से 18 घंटों तक की बिजली कटौती हो रही है.
जयपुर: राजस्थान में बिजली संकट से फिलहाल निजात मिलने की संभावना नहीं है. प्रदेश में दिनों दिन बिजली की समस्या बढ़ती जा रही है. अचानक से बिजली की ये समस्या कोयला खत्म होने से पैदा हुई है. प्रदेश के कई जिलों में 14 से 18 घंटों तक की बिजली कटौती हो रही है. भीषण गर्मी और बच्चों के एग्जाम के बीच बिजली कटौती से हर कोई बेहद परेशान हैं.इसके साथ ही किसान भी बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं.
वहीं, प्रदेश में बिजली कटौती होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से सरकार को साथ देने की अपील की है. अशोक गहलोत ने ट्वीट किया ''यह एक राष्ट्रीय संकट है. मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर, परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें, अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें, अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें."
मुख्यमंत्री गहलोत ने एक के बाद एक ट्वीट करते गए. उन्होंने अगले ट्वीट में बीजेपी को आड़े हाथ लिया. गलोत ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है, मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगले ट्वीट में केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?
आज बीजेपी धरना देगी
वहीं, बीजेपी ने राज्य में बिजली संकट को लेकर अशोक गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बिजली कु-प्रबंधन से अघोषित कटौती के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी और लोग त्रस्त है, भारतीय जनता पार्टी पूरे राज्य में विरोध स्वरूप 29 अप्रैल को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक प्रत्येक जीएसएस (GSS) पर धरना प्रदर्शन करेगी. दरअसल, प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर बिजली कट रही है. ऐसे में पिछले साल की तुलना में करीब 35 प्रतिशत अधिक मांग के अनुरुप आपूर्ति कर पाना सरकार के लिए कठिन हो रहा है.