Jaipur: नगर निगम हेरिटेज में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. वर्किंग कमेटी नहीं बनने से कभी कांग्रेस समर्थित निर्दलीय पार्षदों का धरना....तो कभी मेयर का चेहरा बदलने की पटकथा. आज अपने ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ कांग्रेसी पार्षदों का धरना प्रदर्शन. कुछ ऐसी ही तस्वीरें नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर देखने को मिल रही है. शहर का विकास छोड़ हैरिटेज नगर निगम के पार्षद ''सियासत'' पर उतर आए हैं. वार्डों के विकास कार्य नहीं होने से नाराज कांग्रेस पार्षद अपने ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ धरने पर बैठ गए. खास बात यह है कि महापौर जिस सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से आती है, उस क्षेत्र के ही सर्वाधिक पार्षदों ने इस धरने में हिस्सा लिया. चर्चा यह है कि विकास कार्य नहीं होने की बात तो बहाना है. असली कहानी को पर्दे के पीछे कुछ ओर ही है.


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नगर निगम हैरिटेज में धरना या सियासत ?  क्या नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेसी पार्षदों के धरने के पीछे कोई सियासत है ? क्या ये धरना सच में वार्डो में विकास कार्यों नहीं होने को लेकर हुआ. ये हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इस धरने को लेकर सिविल लाइन विधानसभा के विधायक-कैबीनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान भी जोड़ा जा रहा है. जिसमें खाचरियावास ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि यदि पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है तो नगर निगम का ''घेराव'' करें...क्योंकि जनता ने उन्हें वोट दिया है. आज नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर कांग्रेसी पार्षद विपक्ष की भूमिका में नजर आए. कांग्रेसी पार्षदों ने नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर टेंट लगाकर अपने ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ धरना दिया। खास बात यह है कि इस धरने में सर्वाधिक सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के पार्षद पहुंचे. 


कांग्रेसी और निर्दलीय पार्षदों ने जमकर नारेबाजी और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. पार्षदों का कहना है कि उनके वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. वार्डों में अंधेरा छाया हुआ है. अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं. अस्थाई बीट्स मिल नहीं रही है. शहर में चरमराई सफाई व्यवस्था और सीवरेज जाम की समस्या से जनता त्रस्त है. नगर निगम हेरिटेज का बोर्ड बने हुए करीब सवा साल का समय हो चुका है और इस सवा साल के दरमियान केवल 1 बोर्ड की बैठक हुई है. इस बार भी बजट सीधा राज्य सरकार के पास भिजवा दिया गया है. बजट में क्या भेजा गया है इसको लेकर भी पार्षदों से कोई भी चर्चा नहीं की गई है. यहां तो सिर्फ पोपा बाई का राज चल रहा है. धरने में सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के 7 पार्षद धरने में पहुंचे वही आदर्श नगर से 2, किशनपोल और हवामहल से 1-1 पार्षद धरने में पहुंचा.


सिविल लाइन विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नगर निगम हेरिटेज में अपनी ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ घेराव करने के बयान के बाद अब तक पर्दे के पीछे चल रही कहानी-पटकथा पर्दे के बाहर आ गई है. खाचरियावास का घेराव करने का बयान सियासत की तरह कहीं ना कहीं इशारे कर रहा है. उन्हीं की पार्टी के बोर्ड के खिलाफ घेराव का बयान देने की बात निगम के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. चर्चा यह है कि खाचरियावास इन दिनों इतने मुखर क्यों हो रहे हैं. पहले भी नगर निगम हेरिटेज की महापौर को लेकर खाचरियावास बयानबाजी कर चुके हैं और अब पार्षदों को साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं यदि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है उनके काम नहीं हो रहे हैं तो निगम का घेराव करें.


बहरहाल, दरअसल पहले मेयर को हटाने के लिए कांग्रेस समर्थित निर्दलीय पार्षदों को मोहरा बनाकर पटकथा लिखी गई, लेकिन ये पटकथा पर्दे के पीछे लिखने वाले कोई ओर ही थे. लेटरहैड पर मेयर को हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. खूब सियासत हुई. पार्षदों ने मुखर होकर इतना तक कह दिया कि मेयर मुस्लिम चेहरा होना चाहिए, लेकिन मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर से जिन्न बोतल से बाहर आ गया है और अब इस जिन्न को बाहर लाने वाले सत्ताधारी पार्टी के पार्षद ही है. इनमें भी सबसे ज्यादा सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के पार्षद, जहां से प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक है और इसी विधानसभा क्षेत्र से नगर निगम हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर भी है. इसी विधानसभा क्षेत्र के सबसे ज्यादा पार्षदों ने आज धरने में पहुंचकर अपने ही पार्टी के बोर्ड के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है.