Rajasthan politics: शुक्रवार को प्रदेश के सीएम का सचिन पायलट को लेकर दिया सियासी बयान राजनीतिक गलियारों में हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ. जहां एक तरफ कांग्रेसी खेमें में सीएम के पायलट को गद्दार कहने वाले बयान पर कई नेता उनकी आलोचना कर रहें है. इसी पर पायलट समर्थक विधायक और SC आयोग चेयरमैन खिलाड़ी लाल बैरवा ने मुख्यमंत्री के बयान को आलाकमान के लिए चैलेंज करार दिया. खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि यह उनका घमंड है. बैरवा ने कहा कि कल का मुख्यमंत्री का बयान किसी कांग्रेसी को अच्छा नहीं लगा. 25 सितंबर की कहानी सबको पता है. आलाकमान ने तीन लोगों को उस घटना के लिए दोषी मान कर नोटिस दिया था. 


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बैरवा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री  सचिन को कैसे बना सकते हैं यह कहना उनका घमंड है और आलाकमान को चैलेंज माना जाना चाहिए. अशोक गहलोत  को पार्टी ने 40 साल तक सत्ता में मुख्यमंत्री और विपक्ष में संगठन के विभिन्न पदों पर रखा है. 


वहीं, गद्दारी के सवाल पर बैरवा ने कहा कि दो साल पहले कुछ छोटी मोटी घटना हुई  थी उसकी आज चर्चा क्यों की जा रही है. यहां तक उनके 5 मंत्री बने हुए. सीएम  साहब के सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयान देने से खुद की और पार्टी की इमेज खराब होती है. आलाकमान चाहेगा वही फैसला होगा. आलाकमान ने ही गहलोत  को मुख्यमंत्री बनाया था.


पायलट के साथ विधायक नहीं होने के मुख्यमंत्री के सवाल पर बैरवा ने कहा कि जब वन टू वन विधायकों से मुलाकात होगी तो पता चल जाएगा किसके पास कितने नंबर हैं लेकिन अब समय आ गया है कि आलाकमान को स्टैंड लेना चाहिए और और वक्त आने पर आलाकमान सही फैसला लेगा. राजनीति में जब जागो तभी सवेरा माना जाता है. आला कमान परिवर्तन करना सोच रहा है तभी तो आलाकमान ने 25 सितंबर को पर्यवेक्षक भेजे थे. लेकिन सब खेल कुर्सी का है. कांग्रेस बड़ी पार्टी है थोड़ा बहुत चलता रहता है. लेकिन हमारा मकसद भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान में ऐतिहासिक सफल करना होना चाहिए. यात्रा के बाद राजस्थान की हवा बदल जाएगी और कांग्रेस की सरकार राजस्थान में रिपीट होगी.


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