Constable Recruitment 2023: पात्रता परीक्षा में से 15 गुना अभ्यर्थियों को न बुलाने पर HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
Constable Recruitment 2023: राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2023 में पदों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों को समान पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों में से नहीं बुलाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
Constable Recruitment 2023: राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2023 में पदों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों को समान पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों में से नहीं बुलाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने गृह सचिव, कार्मिक सचिव, पुलिस महानिदेशक भर्ती, कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव और सिरोही पुलिस अधीक्षक सहित अन्य से जवाब तलब किया है.
अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि समान पात्रता परीक्षा-2022 में मेरिट रखने वाले अभ्यर्थियों में से कांस्टेबल भर्ती के लिए तय अनुपात में अभ्यर्थियों का चयन क्यों नहीं किया गया. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 27 दिसंबर से शुरू होने वाली दक्षता परीक्षा में शामिल करने को कहा है. जस्टिस अनूप कुमार की एकलपीठ में यह आदेश सौरभ व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 10 अक्टूबर 2022 को सीनियर सेकेंडरी स्तर की भर्तियों के लिए समान पात्रता परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था. इस भर्ती में मेरिट रखने वाले अभ्यर्थियों से सात सेवाओं में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है.
राज्य सरकार की ओर से 3 अगस्त 2023 को कांस्टेबल के 3578 पदों के लिए भर्ती निकाली गई. नियमानुसार इन विज्ञापित पदों के 15 गुना अभ्यर्थियों को समान पात्रता परीक्षा में मेरिट रखने वाले अभ्यर्थियों में से बुलाना था. इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने कई जिलों में तय अनुपात से कम अभ्यर्थियों को दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया.
कोटा ग्रामीण में कांस्टेबल के 136 पद भरे जाने थे, इसके लिए 2040 अभ्यर्थियों को दक्षता परीक्षा के लिए बुलाना था, विभाग ने केवल 1723 अभ्यर्थियों को ही दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया. इसी तरह जयपुर टेलीकॉम में 6255 अभ्यर्थियों को बुलाना था, लेकिन सिर्फ 5319 अभ्यर्थियों को ही बुलाया गया. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की यह कार्रवाई मनमानी और गलत है. जिसके चलते याचिकाकर्ताओं का चयन नहीं हो सका. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और याचिकाकर्ताओं को दक्षता परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं.
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