Jaipur: पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सतवीर सिंह को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर पचास हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर ना सिर्फ उसे शारीरिक और भावनात्मक क्षति पहुंचाई, बल्कि उसके व्यक्तित्व और गरिमा को भी आहत करने का काम किया है इसलिए उसके खिलाफ नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.


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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 19 अगस्त, 2020 को सोडाला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि एक दिन पहले पड़ोसी किराएदार ने उसकी पन्द्रह वर्षीय पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. वहीं पीडिता ने अपनी मां को जानकारी दी की अभियुक्त उसके साथ चार बार दुष्कर्म कर चुका है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.


राजस्थान में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज
राजस्थान में साल 2021 में कुल 6 हजार 337 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए, जो साल 2020 के मुकाबले करीब 1 हजार ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए. राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में दूसरे नंबर पर है. साल 2021 में राजस्थान, एमपी के बाद महाराष्ट्र, यूपी और असम में सबसे अधिक मामले दर्ज हुए. NCRB के अनुसार यूपी में 2 हजार 845 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए. वहीं, महाराष्ट्र में 2 हजार 496 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए हैं. असम में 1733 जबकि दिल्ली में 1250 महिलाओं ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करायी है.


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क्या कहती है राजस्थान पुलिस
दरअसल, राजस्थान सरकार ने एक पॉलिसी भी बना रखी हैं, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अगर थाने में मुकदमा दर्ज नहीं होता है तो पीड़ित एसपी कार्यालय में संपर्क कर अधिकारियों से मिले, एसपी कार्यालय के जरिये भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है, ऐसे में मुकदमा दर्ज करने वाले थानाप्रभारी पर भी कार्रवाई की जाती है. राजस्थान पुलिस कहती है कि बिना जांच पड़ताल के हर एक मामले को वरियता देकर दर्ज किये जाने के चलते आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि राजस्थान पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों की माने तो जनवरी से जुलाई तक जितने मुकदमे दर्ज हुए उनमें से 48 प्रतिशत मुकदमे जांच के बाद झूठे पाए गए थे.


बहरहाल एक ओर एनसीआरबी ने राजस्थान को देश में महिलाओं को लिए सबसे असुरक्षित राज्य बताया है, तो वहीं राजस्थान पुलिस अपने आंकड़ो में खुद को महिलाओ का हितैषी बताते हुए सभी मामलों को दर्ज करने की बात कही है. सच जो भी हो लेकिन एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़े पूरे विश्व में राजस्थान की छवि को खराब कर रहे हैं.


Reporter- Mahesh Pareek