Jaipur: प्रदेश में खरीफ सीजन में फसल उत्पादन के आंकड़े निराशजनक है. इसका असर मंडियों में कृषि जिंस उत्पाद सप्लाई है. खरीफ सीजन के दौरान कोटा संभाग में अतिवष्टि और जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर संभाग में कमजोर मानसून ने उत्पादन पर असर डाला.


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राजस्थान खादय पदार्थ व्यपार संघ से जुड़े पदाधिाकरियों और मंडी कारोबारियों ने खरीफ सीजन (Kharif season) में कम पैदावार का आंकलन लगाया है. इसके आधार पर बाजरा, मूंग, मोठ, दलहन और तिलहन से जुड़ी फसलों में 20 से 25 फ़ीसदी पैदावार कम रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में मांग और आपूर्ति में अंतर हो सकता है. इसका सीधा असर कीमतों पर दिखेगा. असर उपभोक्ताओं पर रहेगा.


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राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ (Rajasthan Foods Trade Association) की फसल समीक्षा बैठक के आकड़े महंगाई के दौर में चिंता बढ़ा सकते हैं. प्रदेश की कृषि उपज मंडियों के कारोबारियों का कहना है कि बाजरा गत वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी कम फसल है. कपास की भी व्यापारी अनुमान के अनुसार औसतन 35 फीसदी फसल कम है. मूंग की फसल भी गत वर्ष के मुकाबले कम है. राजस्थान की मण्डियों में बाजरा 90 हजार बोरी प्रतिदिन की आवक है. मूंगफली 3 लाख बोरी की आमद है. मूंग 35 हजार बोरी की आवक है. उड़द 5000 बोरी, ज्वार 10 हजार बोरी, कपास 40 हजार गांठ, मक्का 15 हजार बोरी, ग्वार 30 हजार बोरी, तिल 3200 बोरी, सोयाबीन 45 हजार बोरी, चोला एक हजार बोरी, धान 3 लाख बोरी, मोठ 20 हजार बोरी की मंडी आवक औसत आधार पर बनी हुई है.


बाजरा
वर्ष 2020 में बाजरा व्यापारिक अनुमान के अनुसार 39 लाख टन पैदा हुआ था. इस वर्ष 34 लाख टन पैदा होने का अनुमान है. बाजरे की किसान ने बुवाई भी कम की थी. सरसों के लिए खेत खाली रखा था. बाजरे की फसल कही 50 फीसदी, कही 70 फीसदी और कही 90 फीसदी डेमेज हुई है. इस कारण से बाजरे के भाव केटल फीड क्वालिटी 1500 से 1600 तथा 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल अच्छा सफेद माल बिक रहा है.


कपास 
वर्ष 2020 में 17 लाख गांठ कपास की पैदावार हुई थी. जो इस वर्ष घटकर 13 लाख रह गयी है. वर्तमान में 8700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिक्री हो रहा है.


मूंग
वर्ष 2021 के खरीफ सीजन में 10 से 12 लाख टन मूंग होने का अनुमान है. भाव मीडियम क्वालिटी के 6000 के करीब चल रहे हैं. ज्यादा आमद भी मीडियम क्वालिटी की हो रही है.


मूंगफली
मूंगफली की फसल राजस्थान में अच्छी रही है. इस वर्ष 20 लाख टन मूंगफली पैदा होने का अनुमान है.


राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि फसल समीक्षा बैठक में कृषि जिंसों की वास्तविक मंडी आवक के आधार पर आकलन किया गया है. इसमें राजस्थान की 65 मंडियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. आने वाले दिनों में अधिकतर मंडियों में खरीफ सीजन की फसल की आवक में कमी आएगी. इस बार त्यौहारी सीजन और मंडियों में अच्छे भाव मिलने के चलते अधिकतर किसानों ने स्टॉक की बजाए फसल बिक्री के लिए निकाली है. ऐसे में आने वाले दिनों में मांग के मुकाबले आपूर्ति कमजोर रहेगी.