Rajasthan Crime: मोदी सरकार में राज्य मंत्री का पद दिलाने का झांसा दे बीजेपी के एक नेता से 6 करोड़ की ठगी करने वाले शातिर ठग को जयपुर पुलिस ने 8 साल बाद गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दिल्ली में इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं करोड़ की ठगी की इस पूरी वारदात को अंजाम देने के पीछे एक बड़ा गिरोह शामिल है. गिरोह में शामिल अन्य बदमाश जो कि अभी फरार चल रहे हैं उनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.


दरअसल यह पूरा मामला वर्ष 2016 का है जब भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष सीताराम शर्मा को जयपुर में राजकुमार शर्मा, मनोज शर्मा और सुभाष शर्मा ने षड्यंत्र के तहत फंसाते हुए मोदी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने का झांसा दिया. इसके बाद सीताराम शर्मा को आरोपी दिल्ली ले गए जहां पर नवीन गोयल नामक व्यक्ति से मिलवाया और नवीन ने ही सीताराम को मोदी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा दिलाने की बात कही. इसके बाद आरटीजीएस के जरिए सीताराम शर्मा से आरोपियों ने तकरीबन 6 करोड़ रुपए की राशि हड़प ली. साथ ही सीताराम शर्मा को राज्य मंत्री का फर्जी नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप पर भेज दिया.


ठगों द्वारा व्हाट्सएप पर भेजे गए नियुक्ति पत्र को लेकर जब सीताराम शर्मा दिल्ली में अधिकारियों के पास गए तब जाकर नियुक्ति पत्र की फर्जी होने का खुलासा हुआ. वहीं दिल्ली में अधिकारियों ने सीताराम शर्मा की बात सुनने की बजाय उनके खिलाफ ही फर्जीवाड़े का मामला दर्ज करा दिया. जिस पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया और जेल में डाल दिया.


जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद सीताराम शर्मा ने वर्ष 2016 में जयपुर आकर कोर्ट के इस्तगासे के जरिए जयपुर के मानसरोवर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. उस वक्त पुलिस ने प्रकरण में जांच की लेकिन बदमाशों का कोई भी अहम सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग सका और पुलिस ने मामले में एफआर पेश कर दी. इस पर सीताराम शर्मा ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखल के बाद केस रिओपन कर जयपुर की मानसरोवर थाना पुलिस ने दो दिन पूर्व दिल्ली में दबिश देकर शातिर ठग नवीन गोयल को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल गिरफ्त में आए आरोपी नवीन से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है और गिरोह में शामिल फरार चल रहे अन्य बदमाशों की तलाश जारी है.


करोड़ों रुपए की ठगी का शिकार हुए सीताराम शर्मा को आखिरकार 8 साल बाद न्याय तो मिला लेकिन शातिर ठगों द्वारा उनसे जो 6 करोड़ रुपए की राशि हड़पी गई उसका अब वापस मिलन बेहद मुश्किल माना जा रहा है. अब देखना ही होगा कि पुलिस फरार चल रहे गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों को कितना जल्द गिरफ्तार कर पाती है.