दिल्ली के राजस्थान हाउस नवनिर्माण मामला, नियम प्रक्रियाओं को रखा ताक पर
दिल्ली में मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारियों के रुकने के लिए करीब 35 साल पहले बनाया गया राजस्थान हाउस को तोड़ने की प्रकिया की शुरूआत हो चुकी है. इसकी जगह सरकार नया पांच सितारा स्तर का राजस्थान हाउस बनाएगी.
Delhi/ Jaipur: दिल्ली में मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारियों के रुकने के लिए करीब 35 साल पहले बनाया गया राजस्थान हाउस को तोड़ने की प्रकिया की शुरूआत हो चुकी है. इसकी जगह सरकार नया पांच सितारा स्तर का राजस्थान हाउस बनाएगी. लेकिन इस पांच सितारा हाउस को बनाने को लेकर पेंच फंस गया है. जिस कंपनी को इसके इसका ठएका दिया गया था, उसके ठेकेदार ने बिना वर्क ऑर्डर ही राजस्थान हाउस को तोड़ना शुरू कर दिया है. जिसके कारण लाखों रुपए का सामान राजस्थान हाउस से खोलकर बिना परमिशन ले जाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- जिले के ग्राम विकास अधिकारी ने मांगी इतने हजार की रिश्वत, ऑडियो वायरल
सूत्रों के अनुसार, पीएडब्लू ने एक ही कम्पनी को भवन तोड़ने और उसके सामान की नीलामी का ठेका दे रखा है. कंपनी को टेंडर के एवज् में 1.5 करोड़ की राशि जमा करावनी थी. लेकिन कम्पनी ने केवल अभी तक 80 से 90 लाख ही जमा करवाए है. बता दें कि, राजस्थान हाउस में बने करीब 60 रूमों के फर्नीचर, एसी, टीवी समेत अन्य सामान की कीमत करीब 50 लाख से ज्यादा की है.
गौरतलब है कि, एक ही कम्पनी पहले जी ए डी से ठेका ले लेती है और फिर उसे पीडब्लयू से भी लिया. नीलामी की प्रक्रिया यह कहती है कि, 1 करोड़ 72 लाख की रकम सिक्यूरिटी राशि जमा करवाने के बाद यह एग्रीमेंट होता हैजिसके बाद कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी होता है. जिसके बाद भवन को तोड़ने के का कार्या शुरू किया जाता है. फिलहाल जिस कंपी को यह ठेका दिया गया है उसके ठेकेदार ने पूरा पैसा जमा नहीं करवाया गया है.
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की. जिसने सोमवार को राजस्थान हाउस पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू की . लेकिन ठेकेदार ने दादागिरी से कमेटी मेंबर्स के साथ की बदतमीजी करते हुए ठेकेदार के लोगों ने अधिकारियों से हाथापाई भी की.
उच्चस्तरीय जांच कमेटी में GAD के जॉइंट सेक्रेटरी एच एस मीणा, मुख्य लेखा अधिकारी कोशल्या और पीडब्लयू एसीई वीएल धनकड शामिल थे.
सूत्रों का कहना है कि, इस मामले से सीएम को भी अंजान रखा गया है, इसलिए सीएम ने तुरंत एक कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए. इस मामले को लेकर पीआरसी शुभ्रा सिंह ने बीकानेर हाउस में बैठक बुलाई है. जिसमें पीआरसी के मेंबर भी शामिल है.
अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें