Jaipur: पिछले करीब दो महीनों से रीट भर्ती (REET Exam 2021) में पदों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर धरना चल रहा है तो वहीं मांग को लेकर पिछले चार दिनों से तीन अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं. धरने पर बैठे एक अभ्यर्थी की आज तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वहीं पिछले दो दिनों से प्रदेशभर से बड़ी संख्या में बेरोजगार धरना स्थल पर डटे हैं. 


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मुख्य बिंदु
रीट भर्ती में पदों की संख्या 50 हजार करने की मांग
मांग को लेकर पिछले दो महीनों से शहीद स्मारक पर चल रहा धरना
तो वहीं चार दिनों से तीन अभ्यर्थी बैठे हैं आमरण अनशन पर
एक अभ्यर्थी की तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में करवाया भर्ती
शहीद स्मारक पर आज झाड़ू लगाकर बेरोजगारों ने विरोध जताया
मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी


26 सितंबर को आयोजित रीट (REET 2021) अध्यापक पात्रता परीक्षा में पदों की संख्या 31 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने की मांग को लेकर पिछले करीब दो महीनों से शहीद स्मारक पर कड़ाके की सर्दी में बेरोजगार आंदोलन की राह पर हैं. वहीं चार दिनों से तीन बेरोजगारों का आमरण अनशन भी जारी है. अनशन पर बैठे बेरोजगारों की तबीयत अब बिगड़ने लगी है. वहीं, धरना स्थल पर बैठे एक अभ्यर्थी की आज तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया. 


आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थी रोहिताश्व का कहना है कि आमरण अनशन को आज चार दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हमेशा बेरोजगारों के हितों के बारे में सोचा है और इस बार भी बेरोजगारों के हितों में फैसला लेते हुए राहत देनी चाहिए. 


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वहीं, धरना स्थल पर मौजूद कीर्ति और कृष्ण प्रजापत का कहना है कि अपना घर छोड़कर पिछले दो महीनों से अपने बच्चों के साथ धरना स्थल पर बैठे हैं लेकिन इसके बाद भी सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है इसलिए जल्द से जल्द सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देते हुए हमें राहत देनी चाहिए. 


राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) के हस्तक्षेप के बाद अब वार्ता का दौर शुरू हो चुका है. धरना स्थल पर पहुंचे उपेन यादव का कहना है कि बेरोजगार अपनी जायज मांग को लेकर आंदोलन की राह पर हैं. सरकार के प्रतिनिधियों से इस संबंध में वार्ता हुई है और जल्द ही आगे भी मीटिंग के दौर चलेंगे. ऐसे में अनशनकारियों को देखते हुए जल्द से जल्द पदों को बढ़ाने पर फैसला लेना चाहिए.