स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा के फॉर्म रिओपन करने की मांग, दूसरे दिन भी राविवि में धरना जारी
Jaipur: 6 हजार पदों पर 11 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली परीक्षा से पहले एक बार फिर से अभ्यर्थियों ने अपनी मांग तेज कर दी है और ये मांग है परीक्षा को कुछ समय के लिए स्थगित करते हुए फॉर्म रिओपन करने की है.
Jaipur: 6 हजार पदों पर 11 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली परीक्षा से पहले एक बार फिर से अभ्यर्थियों ने अपनी मांग तेज कर दी है और ये मांग है परीक्षा को कुछ समय के लिए स्थगित करते हुए फॉर्म रिओपन करने की है. इसके साथ ही बीएड और कुछ यूनिवर्सिटी में पीजी का परिणाम नहीं आने के चलते भी परीक्षा को कुछ समय के लिए स्थगित करवाने की मांग की जा रही है. मांग को लेकर पिछले दो दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कोरोना के चलते में आयु सीमा में 2 साल की छूट दी थी
गौरतलब है कि 6 हजार पदों पर आयोजित होने जा रही इस भर्ती परीक्षा में करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है लेकिन आयु सीमा के बाध्यता के चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में आवेदन नहीं कर पाए थे लेकिन 30 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के चलते भर्ती परीक्षाओं में 2 साल की आयु सीमा की छूट की घोषणा की थी.
स्कूल व्याख्याता के आवेदन रिओपन करने की मांग तेज
जिसके बाद से ही स्कूल व्याख्याता के आवेदन रिओपन करने की मांग तेज हो रही थी लेकिन फॉर्म रिओपन नहीं होने के चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रहे. इसके साथ ही परीक्षा तिथि तक बीएड और पीजी का परिणाम होना आवश्यक है लेकिन ना तो अभी तक बीएड का परिणाम जारी हुआ है साथ ही कई यूनिवर्सिटी में पीजी का परिणाम भी जारी नहीं हुआ है जिसके चलते करीब 2 लाख अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर होते हुए नजर आ रहे हैं.
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अभी तक छूट के आदेश लागू नहीं किए गए
राजस्थान यूनिवर्सिटी में बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि "2018 में निकाली गई भर्ती के समय आयु सीमा में छूट के साथ ही आवेदन शुल्क में भी राहत देने की बात कही गई थी. 30 जुलाई को मुख्यमंत्री ने घोषणा भी कर दी गई है लेकिन अभी तक आयु सीमा में छूट के आदेश लागू नहीं किए गए जबकि 11 अक्टूबर से परीक्षा होनी है इसके साथ ही परीक्षा से पहले बीएड और पीजी का परिणाम आना आवश्यक है लेकिन ना तो अभी तक बीएड का परिणाम आया है और ना ही पीजी का. इसलिए सरकार को बेरोजगारों की ओर ध्यान देते हुए जल्द ही फैसला लेना चाहिए."