जयपुर: 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन (राशन डीलर्स) ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. अगले माह फरवरी में देशभर के राशन डीलर्स 7 से 9 फरवरी तक 72 घंटे के लिए पीओएस मशीन बंद कर राशन वितरण व्यवस्था ठप रखेंगे. यदि फिर भी मांगों पर सहमति नहीं बनी तो परिवार सहित 22 मार्च को रामलीला मैदान दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करेंगे. इसमें राजस्थान के करीब 27 हजार राशन डीलर्स भी शामिल होंगे.फैडरेशन के पदाधिकारियों का कहना हैं की राशन डीलर कड़ी मेहनत करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोना काल में अपना जान जोखिम में डालकर भी राशन का वितरण किया गया..केंद्र सरकार राशन डीलरों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये का मानदेय तय करें..आगामी केंद्रीय बजट में प्रति दुकान-प्रति माह इसकी घोषणा की जाए. यदि इस पर विचार नहीं किया जाता है तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अव्यवस्था की जिम्मेदारी राशन डीलर्स की नहीं होगी. डीलर्स लगातार अपना काम कर रहा है, लेकिन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. खाद्य तेल, दाल, चीनी की बढती कीमतों को रोकने के लिए उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से सप्लाई करवाई जाए.


यह भी पढ़ें: बीजेपी के हंगामे पर मुख्यमंत्री गहलोत का पलटवार- इनके पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए मचा रहे शोर 


यह भी पढ़ें: आखिर क्यों हो रहा राइट टू हैल्थ बिल का विरोध, बिल को लेकर पढ़िए पूरी जानकारी


पश्चिम बंगाल राशन मॉडल लागू करने की मांग


 पूरे देश में मुफ्त वितरण का 'पश्चिम बंगाल राशन मॉडल' लागू किया जाए..ग्रामीण क्षेत्रों के राशन डीलरों को चावल और गेहूं के लिए प्रत्यक्ष खरीद एजेंट के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए.चावल, गेहूं और चीनी के लिए एक किलो प्रति क्विंटल की दर से हैडलिंग लॉस की अनुमति दी जाए..पदाधिाकरियों का कहना हैं की हम केंद्र सरकार के साथ किसी भी टकराव के पक्ष में नही है. सालों से केंद्र सरकार की नीतियों ओर निर्णयों को राशन डीलर्स ने पालना की हैं.ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी ना उठानी पड़े.