डिप्टी सीएम शपथ से जुड़ा मामला- हाइकोर्ट नहीं पहुंचे ओपी सोलंकी, नियुक्ति को लेकर दी थी चुनौती
Rajasthan- राजस्थन की भजनलाल सरकार में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर हाईकोर्ट में अधिवक्ता ओपी सोलंकी ने याचिका दायर की थी. सुनवाई में अधिवक्ता सोलंकी के मौजूद न रहने के कारण तारीख को आगे बढ़ा दिया है.
Rajasthan- राजस्थन की भजनलाल सरकार में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर हाईकोर्ट में अधिवक्ता ओपी सोलंकी ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कोर्ट में दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की शपथ को असंवैधानिक बताया है. वहीं इस मामले को लेकर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. लोकिन हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ओपी सोलंकी खंडपीठ के समक्ष नहीं पहुंचे . जिसके बाद एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद रखी है.
बता दें कि ओमप्रकाश सोलंकी ने राजस्थान हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को असंवैधानिक बताया था. सोलंकी ने दायर याचिका में बताया है कि संविधान में उपमुख्यमंत्री का कोई पद ही नहीं है तो इस पद की शपथ कैसे ले ली गई? उनका कहा है कि डिप्टी सीएम राजनैतिक पद हो सकता है लेकिन संवैधानिक पद नहीं है. ऐसे में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है. इसी मामले में याचिका पर शुक्रवार यानी आज सुनावाई होनी थी. जिसमें वह उपस्थित नहीं हो सके.
सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी ऐसी याचिकाएं
डिप्टी पद को चुनौती देने के संबंध में इससे पहले भी अलग-अलग राज्यों में कई बार याचिकाएं दाखिल हुईं और इन याचिकाओं ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. इसके पूर्व, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, और बॉम्बे हाईकोर्ट में भी ऐसी याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जो कोर्ट ने खारिज कर दी हैं. कोर्ट के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 164(3) के तहत उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है और ऐसा करना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होगा.
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