Jaipur News : राजधानी जयपुर के जंतर मंत्र स्थित विश्व की सबसे बड़ी सम्राट सूर्य यंत्र घड़ी पर घोर लापरवाही सामने आई है. सूर्य घड़ी सम्राट यंत्र पर बुर्का पहनी पर्यटक बच्चों के साथ चढ़ गई और प्रशासन बेखबर रहा. सुरक्षा की दृष्टि से इस सूर्य घड़ी सम्राट यंत्र पर रेलिंग भी नहीं है. जिसकी लापरवाही से कोई हादसा भी हो सकता था. 


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दरअसल  18वीं सदीं में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था. सूर्य घड़ी सम्राट यंत्र की उंचाई करीब 90 फीट है. यंत्र पर जाने वाली सीढियों पर ताला लगा रहता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पर्यटक कैसे ऊपर पहुंचे गए. जबकि जंतर—मंतर के यंत्रों को पर्यटकों को छूने नहीं दिया जाता है. ऐसे में पर्यटक 90 फीट उंचे सूर्य घड़ी तक कैसे पहुंच गए.


प्रशासन की लापरवाही
90 फीट उंचे सूर्य घड़ी तक पहुंचने में प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है. लम्बे वक्त से यात्रा के द्वार पर ताला लगा हुआ है ऐसे में छोटे बच्चों के साथ बुर्का पहनी पर्यटक ऊपर कैसे पहुंच गई.  सवाल उठता है कि अगर कोई दुर्घटना हो जाती तो जिम्मेदार कौन होता. 


ये है इतिहास
जंतर-मंतर का निर्माण जयपुर के संस्थापक और खगोलशास्त्री महाराजा सवाई जयसिंह ने अंतरिक्ष और समय की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए 1724 से 1734 ई. के बीच कराया गया था. इसकी स्थापना से पहले उन्‍होंने विश्व के अलग-अलग देशों में से खगोल विज्ञान के प्रमुख एवं महत्वपूर्ण ग्रंथों की पांडुलिपियां एकत्र कर अध्ययन किया था. यहां विश्व की सबसे बड़ी पत्थर की सूर्य घड़ी है, जिसका नाम बृहत सम्राट यंत्र है. इस खगोलीय उपकरण को इस तरह बनाया गया है कि इसकी रचना करीब 27 मीटर ऊंची है.


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