Jaipur News, जयपुर : करीब चार महीनों की खामोशी के बाद अब कानों में शहनाई की गूंज सुनाई देनी शुरू हो जाएगी. चार महीने बाद देवशयनी एकादशी से शेषनाग की शय्या पर 116 दिन आराम-निद्रा पूरी करने के बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु कल देवउठनी एकादशी के मौके पर फिर से जगेंगे. खासतौर पर दो साल बाद बिना रोकटोक के पहले अबूझ सावे पर मेहमान और मेजबान दोनों की तैयारियां पूरी हो चुकी है. 


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शहनाईयों की गूंज के साथ ही बैंड, बाजा और बारात की लकदख सड़कों पर नजर आएगी. अनुमान के मुताबिक, दो साल बाद फिर से इस अबूझ सावे पर बिना किसी मेहमानों की संख्या के पूरी शान-शौकत से शादियां परवान पर रहेगी. इसके लिए 90 प्रतिशत गार्डन, रिसोर्ट, होटल बुक हो चुके हैं. 


थीम बेस शादियों के साथ ही सात समंदर पार बैंकॉक के साथ ही बेंगलुरू, पुणे के फूल शामियाना की शान बढ़ाएंगे तो वहीं कन्या भ्रूण हत्या, सिंगल यूज प्लास्टिक को काम में नहीं लेने सहित अन्य संदेश भी यहां मेहमानों को फ्लेक्स के जरिए दिए जाएंगे. 


घरों में तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही परकोटे के प्रमुख बाजारों में खरीददारी परवान पर है. वहीं, इस सावे के बाद नवंबर के आखिरी सप्ताह में भी बड़ी संख्या में शादियां होगी. दिसंबर, जनवरी तक 15 से अधिक रेखीय सावे रहेंगे. उधर शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में देवउठनी एकादशी पर धूप झांकी के बाद सालिगरामजी की पूजा-अर्चना की जाएगी. 


मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में सालिगरामजी को चांदी के रथ में विराजमान कराकर तुलसी को मंच तक लाया जाएगा. सालिगरामजी और तुलसी का विवाह होगा. मंदिर परिसर में मंगला झांकी से श्रद्धालुओं का आस्था का सैलाब उमड़ेगा. चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में दामोदर स्वरूप सालिगरामजी को जगमोहन में लाया जाएगा. इधर, शादी कारोबार से जुड़े तबके को लंबे समय बाद राहत मिलेगी, इसके साथ ही रोजगार और आय के स्त्रोत बढ़ेंगे. 


आल इंडिया टेंट डेकारेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि जयपुर जिले में सात हजार से अधिक शादियां होंगी. 50 करोड़ का व्यापार होगा.  ज्वेलरी, किराना, फूल, केटरिंग, बैंड बाजा लवाजमा, डीजे, लाइट, आर्केस्टा, फोटोग्राफर, मैरिज गार्डन संचालकों को बड़ी राहत मिलेगी. प्रदेश में 20 हजार से अधिक शादियां होने की उम्मीद है. 


सजावट के साथ ही घराती-बाराती एक जैसे दिखने के लिए एक ही थीम के परिधान सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. रशियन, हॉलवुड थीम, राजस्थानी थीम पर काम किया जा रहा है. आल वेडिंग फेडरेशन अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में कल के सावे के लिए एक हजार गार्डन में से 90 प्रतिशत गार्डन बुक हो चुके हैं. 


मेहमानों की सीमित संख्या को तवज्जों देने के साथ ही शादी के बजट की राशि कम मेहमानों में ही खर्च की जा रही है, ताकि शादी को यादगार बनाया जा सकें. कई नामचीन गायककार भी प्रस्तुति देंगे. कोरोना के बाद से वर-वधु पक्ष डेस्टिनेशन वेडिंग को तवज्जों मिली है. उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, कुंभलगढ़, पुष्कर, खाटूश्याम जी, सालासर बालाजी में सबसे ज्यादा शादियां होंगी.