Jaipur: यूनिफार्म सर्विसेज के लिए तैयार हो रही देश की बेटियां, विभिन्न गतिविधियों का दिया जा रहा प्रशिक्षण
एनसीसी (NCC) कैडेट्स के अलग-अलग चल रहे प्रशिक्षण शिविरों में कैडेटों को सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित किया.
Jaipur: कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते महिला एनसीसी कैडेट्स (Women NCC Cadets) का अभ्यास पर भी विपरीत असर पड़ा था लेकिन अब दोबारा से कैडेट्स अपने अभ्यास शिविरों में जुट गए हैं. 1 राज गर्ल्स बटालियन की गर्ल्स कैडेट्स के शिविर में इन दिनों हथियारों का प्रशिक्षण कराया जा रहा हैं. साथ ही कैडेट्स बाकी गतिविधियों में भी उत्साह से भाग लेते दिखाई दे रहे हैं.
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एनसीसी (NCC) कैडेट्स के अलग-अलग चल रहे प्रशिक्षण शिविरों में कैडेटों को सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित किया. एक एनसीसी कैडेट ही अनुशासित रहकर अच्छा नागरिक बन सकता है. कैडेट्स को ड्रिल का अभ्यास कराया. इसी के साथ तेज चाल और मार्च पास्ट का कठिन अभ्यास कराया गया. इसमें गर्ल्स कैडेटों को एनसीसी की विभिन्न गतिविधियों और सेना में होने वाली विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जयपुर में वन राज बटालियन और चुरू में टू राज बटालियन के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. इसमें गर्ल्स कैडेट्स कई तरह की गतिविधियों में हिस्सा ले रही हैं. जयपुर में हो रहे कैम्प में करीब विभिन्न कॉलेजों की 386 कैडेट्स इन शिविरों में हथियारों का बारीकी से प्रशिक्षण ले रही हैं. साथ ही फायरिंग, मेप रीडिंग, परेड, खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
ग्रुप कमांडर एसपी तिवारी ने बताया कि अगस्त से ही इन शिविरों की शुरूआत हुई थी और ग्रुप लेवल पर कैम्प नवंबर में होंगे. गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड के लिए भी कंटिजेंट को तैयार किया जाएगा. एनसीसी अधिकारियों का कहना है कि अनुशासन ही जीवन की बुनियाद है. एक एनसीसी कैडेट अनुशासन में रहकर देश का अच्छा नागरिक बन सकता है.
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एनुअल ट्रेनिंग कैम्प में यहां पहुंचे विभिन्न स्कूलों के कैडेट्स और उनके प्रशिक्षक भी यहां कई गतिविधियों का प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं. इसमें इन कैडेट्स को मिलने वाले टास्क को पूरा करने में यह कैडेट्स अपना दम-खम दिखा रहे हैं. कोविड काल में कैडेट्स के लिए गतिविधियां एक बारगी थम गई थी लेकिन कई समय से इनका इंतजार करने वाले स्टूडेंट्स को यह फिर से मौका मिल सका हैं. कैडेट्स बताती है कि उन्हें इस नौ दिन के प्रशिक्षण में कई जानकारियां मिली है, जो आगे चल कर उनके लिए हरेक क्षेत्र में काम आएगी. भले ही वो सेना में जुड़ना हो या फिर करियर की कोई भी दिशा हो.